देशभर के किसान खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई में जुटे हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्हें प्राकृतिक आपदा से फसलों का बचाव करने पर भी विशेष ध्यान देना होगा, ताकि अगर प्राकृतिक आपदा से उनकी फसलों को किसी तरह का नुकसान हो, तो इससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित ना हो.
इसके लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. इसके तहत किसानों द्वारा बोई गई फसलों का बीमा किया जाता है. अगर आप भी इस योजना में शामिल होना चाहते हैं, तो आपके पास मात्र 22 दिन का वक्त बचा है. यानी आपको 24 जुलाई तक बैंक में लिखित सूचना देनी होगी कि आप फसल बीमा करवाना चाहते हैं या नहीं. इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ते रहिए.
केसीसी धारकों के लिए जरूरी सूचना
अगर आप किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) का लाभ उठाते हैं और फसल बीमा योजना से नहीं जुड़ना चाहते हैं, तो आपको 24 जुलाई तक बैंक में लिखित सूचना देनी है कि आप फसल बीमा नहीं करवाना चाहते हैं. अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो बैंक ऑटोमेटिक केसीसी (KCC) लोन की राशि से बीमा का प्रीमियम काट लेगा और अगर ऐसा हुआ, तो आपको काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
पीएम फसल बीमा योजना है स्वैच्छिक
वैसे तो पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana) स्वैच्छिक है, लेकिन अगर आप बीमा नहीं लेना चाहते हैं, तो आपको आवेदन करना होगा. जान लें कि आवेदन न करने वाले सरकारी कर्जदार किसानों का संबंधित बैंक द्वारा फसल बीमा कर दिया जाता है. जानकारी के लिए बता दें कि कई किसानों (Farmers) का मानना था कि बीमा कंपनियों द्वारा उनके साथ ठगी होती थी. जब फसलों को नुकसान होता था, तो उसके बाद किसी तरह की सुनवाई नहीं होती थी. ऐसे में किसान संगठन काफी समय से पीएम फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक करने की मांग कर रहे थे. इस मांग को मोदी सरकार ने खरीफ सीजन-2020 में स्वीकार किया और योजना को स्वैच्छिक कर दिया है.
कृषि मंत्री का दावा
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का दावा है कि पीएम फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक करने के बाद भी हर साल 5.5 करोड़ से अधिक किसान जुड़ रहे हैं. इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर की गई, जिसमें दिसंबर-2020 तक किसानों ने लगभग 19 हजार करोड़ रुपए का प्रीमियम भरा है. इसके बदले उन्हें लगभग 90 हजार करोड़ रुपए का भुगतान क्लेम के रूप में मिला है.
किसान भाई-बहनों को बता दें कि पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) फसल नुकसान का जोखिम कम करने के लिए शुरू की गई है. अगर आप खेती से संबंधित और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर जाकर पढ़ सकते हैं.
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