ई-कॉमर्स प्लेटफार्म की सबसे बड़ी फार्मों में से एक फ्लिपकार्ट भी अब किसानों की मदद कर रही है. सैमसंग के बाद अब फ्लिपकार्ट ने भी किसानों के तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है.
आपको बता दें कि फ्लिपकार्ट फर्म ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ अपनी साझेदारी को बढ़ाते हुए किसानों के लिए नया रास्ता खोला है.फ्लिपकार्ट एक ई-कॉमर्स वेबसाइट है जो ऑनलाइन प्लेटफार्म की मदद से अपने ग्राहकों को घर बैठे सेवाएं देती है. हर तरह की वस्तु आप घर बैठे सिर्फ एक क्लिक कर माँगा सकते हैं. डिजिटल इंडिया के तहत इन सभी कंपनियों को काफी मुनाफा हुआ है.
ऐसे में अब फ्लिपकार्ट देश के किसानों के काम आना चाहता है. किसान समुदायों के लिए बाजार पहुंच और विकास को सक्षम बनाया जा सके और मार्केट प्लेस प्लेटफॉर्म पर स्टेपल तक पहुंच को बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए फ्लिपकार्ट आगे आया है.
आपको बता दें साधनों की कमी होने की वजह से कई किसानों और छोटे उद्द्योगपतियों का सामान बाजारों तक नहीं पहुँच पाता. ऐसे में फ्लिपकार्ट उनकी मदद करने हेतु इस नए प्रयास को अपनाने जा रही है. अगर बात कश्मीरी शॉल, हिमाचली टोपी या असम के ऑथेंटिक चायपत्ती की करें तो आज से कुछ वर्ष पहले तक ये सिमित लोगों तक पहुँच पता था लेकिन अब तकनीक और विज्ञान की वजह से देश के हर कोने में पहुँच रहा है.
फ्लिपकार्ट कंपनी के उपाध्यक्ष के मुताबिक, पिछले एक साल में, हमने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ साझेदारी करने और इन कृषक समुदायों को अपने रोजगार को बढ़ाने का मौका दिया था. और आज ई-कॉमर्स और प्रौद्योगिकी की शक्ति से लाभ उठाने में मदद करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है.
बिहार में फ्लिपकार्ट दे रहा है किसानों को मौका
किसानों की मदद करने हेतु फ्लिपकार्ट बिहार के पूर्णिया में पहुँच चुका है. बिहार के किसानों को यह जानकर ख़ुशी होगी कि फ्लिपकार्ट पूर्णिया, बिहार में अरण्यक एग्री प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और एंचेटी एफपीसीएल, गुलबर्गा में निसारगा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड और अनंतपुर में सत्य साई फार्मर फेडरेशन जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी कर काम कर रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, महिला सशक्तिकरण को भी ध्यान में रखते हुए फ्लिपकार्ट ने एफपीओ के साथ जुड़ाव की सुविधा के लिए आंध्र प्रदेश महिला अभिवृद्धि सोसाइटी (एपीएमएएस), द्वारा, फाउंडेशन ऑफ डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेन्स (एफडीआरवीसी), सहज अहरम प्रोड्यूसर कंपनी (एसएपीसीओ), सम्मुनाती और वृति जैसे सामाजिक क्षेत्र के संगठनों के साथ भी भागीदारी की है.
महिलाओं को भी बराबर का मौका और सम्मान मिले इसका पूरा ध्यान कंपनी की और से रखा जा रहा है. कंपनी के उपाध्यक्ष रविचंद्रन का कहना है कि हमारा समर्पित पहल देश भर में किसान समुदायों के लिए ऐसे में हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं की अधिक से अधिक बाजार के अवसर लाते हुए हमारे मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर उच्च गुणवत्ता वाले स्टेपल, दालों और मसालों तक पहुंच के लिए नए-नए रास्तें खोलें. हम इन गहन जुड़ावों का निर्माण जारी रखना चाहते हैं जो देश भर में लाखों किसानों और कम सेवा वाले समुदायों की आजीविका को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और उनकी आय को बढ़ाने में उनकी मदद करता है.
अपने मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर उच्च गुणवत्ता वाले मानकों को बनाए रखने के लिए, फ्लिपकार्ट विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पैकिंग और प्रसंस्करण सुविधाओं (क्षेत्रीय पैकेजिंग केंद्रों) में एफपीओ यात्राओं की व्यवस्था कर रहा है, ताकि उन्हें उत्पाद की गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में ग्राहकों की उम्मीदों को समझा जा सके. जिसके लिए गुणवत्ता टीम इन एफपीओ का समर्पित दौरा करती है.
खाद्य सुरक्षा मानदंडों पर अपने प्रतिनिधियों के साथ सत्रों की व्यवस्था करती है और उन्हें फ्लिपकार्ट के उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर प्रशिक्षण देती है. वहीं, दूसरी तरफ फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेन्स (FDRVC) के सीईओ आलोक डे ने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय और टाटा ट्रस्ट्स की एक संयुक्त पहल के रूप में - FDRVC का उद्देश्य महिला किसानों को उनके कृषि और गैर-कृषि उत्पादों के लिए कुशल बाजार संबंध बनाने के लिए सशक्त बनाना है.
यह जरुरी नहीं की आईटी सेक्टर या फिर मल्टीनेशनल कम्पनीज में ही काम करने वाली महिलाओं को हम शशक्त बुलाएं या माने. कृषि या गैर-कृषि उत्पादों वाली महिलाऐं भी अन्य महिलाओं के तरह सक्षम होती हैं. हर काम खुद से करने और अपने जीवनयापन के लिए. इस तरह से हम उन्हें भी दुनिया के सामने लेकर सशक्तिकरण का नया परिभाषा पेश करना चाहते हैं.
आलोक डे ने कहा, "इस प्रयास में, हम गुणवत्ता का आश्वासन, माल की समय पर डिलीवरी और लाभकारी मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करते हुए किसानों के लिए आय सृजन का समर्थन करने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ एक मजबूत साझेदारी की उम्मीद कर रहे हैं, जो ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाने में मदद करेगा और भविष्य में इसको और भी अधिक क्षेत्रफल में बढ़ाने में हमारी मदद करेगा.
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