बदलते वक्त के साथ साथ ऑर्गेनिक खेती को भी भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए किसान केमिकल रहित खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन किसान इस बात से परेशान रहते हैं कि जैविक खाद के जरिए अधिक उत्पादन नहीं हो पा रहा है.
ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि कैसे गोमूत्र, गोबर, घास और केंचुए से बनीं खाद के जरिए फसल से अच्छी पैदावार मिल सकती है.
ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए किसानों को दिया जा रहा बढ़ावा
ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कई तरह की मुहिम चलाई जा रही है, जिसमें किसान भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें रहे हैं. किसानों का कहना है कि कैमिकल युक्त खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता घटती है. इसके अलावा एक वक्त आने के बाद मिट्टी उपजाऊ नहीं रहती है, जिसके बाद वह ऑर्गेनिक खाद की तरफ अग्रसर हो रहे हैं.
ऐसे बनती है खाद
वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए सबसे पहले किसान एक जगह पर गड्ढा कर लें, जिसके बाद उस गड्ढे के अंदर सीमेंट की परत चढ़ा लें. इसके बाद गोबर, घास-फूस एवं गोमूत्र को एक साथ डाल लें. इसके बाद अब आप इस मिश्रण में केंचुए डाल सकते हैं. अब आपकी जैविक खाद 2 से 3 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी, जिसके बाद किसान इसका इस्तेमाल खाद के रूप में कर सकते हैं.
केंचुए की खाद के लाभ
किसान केंचुए से खाद बनाकर अपनी फसल की उत्पादन क्षमता तो बढ़ा ही सकते हैं. साथ ही बड़े पैमाने में इसे बनाकर एक अच्छा व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं. क्योंकि इसकी मांग काफी अधिक है.
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केंचुए की खाद से खेती करने से उत्पादन क्षमता 20-30 फीसदी बढ़ती है. साथ ही मिट्टी की उर्वरता में भी 6-8 फीसदी सुधार होता है. इसके अलावा हमारे वातावरण को भी लाभ पहुंचता है.
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