इस पृथ्वी पर ऐसे कई पेड़-पौधे मौजूद हैं, जो सिर्फ पर्यावरण के लिए ही फायदेमंद नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इन सभी पेड़-पौधों में कई तरह के तमाम औषधीय गुण शामिल होते हैं, जो हमारी सेहत को अच्छा बनाए रखने में काफी मदद करते हैं.
इसी कारण से इन औषधीय पेड़-पौधों की मांग (demand for plants) बाजार में काफी अधिक होती है, क्योंकि इनका इस्तेमाल विभिन्न तरह की दवाओं, भोजन आदि में किया है.
अगर हम आयुर्वेद की मानें, तो हमारे आस-पास ऐसे कई पेड़-पौधे हैं, जिसका इस्तेमाल मात्र से आपकी सेहत में कई तरह के फायदे आपको दिखने शुरू हो जाते हैं. इन्हीं औषधीय पौधे में से एक तीता फूल भी है. जिसमें औषधीय गुण भरपूर मौजूद है.
आपको बता दें कि यह फूल केवल सजावट के लिए ही काम नहीं आता है. इससे कई दवाइयां बनाई जाती हैं. तीता के फूल (Teeta flowers) को अलग-अलग स्थान पर विभिन्न नामों से जाना जाता है. जो कुछ इस प्रकार हैं. रोंगाबनहे का, कोला बहक, धापत टीटा (असमिया), जंगली नॉन मंगला (मणिपुरी), तेव-फोटो-आरा (खांसी), खाम-छिट (गारो) आदि.
क्या है तीता फूल ? (What is Teeta Phool?)
बता दें कि तीता का का मतलब कड़वा होता है. इसके मतलब के जैसा यह फूल खाने में भी कड़वा होता है. असमिया पाक संस्कृति में तीता के फूल का एक प्रमुख स्थान है. इस फूल को बहुत शक्तिशाली माना गया है. इसी कारण से कुछ लोग इस फूल को अपने भोजन के रूप में भी खाते हैं. इससे कई तरह की मौसमी बीमारी (seasonal illness) और संक्रमणों से लड़ने में मदद मिलती है. तीता के फूल में डॉक्टर व वेद एंटीबायोटिक के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं.
व्यक्ति के लिए किस प्रकार फायदेमंद है तीता फूल (How is Tita flower beneficial for a person)
इस फूल के सेवन से व्यक्ति को गठिया, खांसी और एनीमिया की बीमारी से मुक्त (Free from rheumatism, cough and anemia) मिलती है. इसी कारण से अरुणाचल, असम, मणिपुर और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में तीता फूल को कच्चा खाया जाता है या फिर इसे मसाले के रूप में उपयोग करते हैं, तो वहीं कुछ लोग मिश्रित सब्जियों के साथ या चावल के साथ खाते हैं.
इसके अलावा तीता के फूल को खाने से खांसी और सर्दी, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, चेचक और त्वचा रोग में व्यक्ति को फायदा होता है. साथ ही यह फूल लिवर और प्लीहा की समस्याओं को भी दूर करता है.
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