आप सभी लोगों ने हरी दूब (Durva Grass) का नाम सुना ही होगा, जिसका सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं है, बल्कि इसकी कोमल पत्तियों के उपयोग से कई रोगों का इलाज भी किया जा सकता है.
अगर आपने हरी दूब (Green Beans) के औषधीय गुणों को जान लिया, तो आप इसके इस्तेमाल से अपनी सेहत का खास ख्याल रख सकते हैं.
आप हरी दूब की ताजा पत्तियों को साबुत खा सकते हैं या फिर इसका जूस बनाकर भी पी सकते हैं. आइए आपको इसके सेवन से होने वाले अन्य फायदों के बारे में बताते हैं.
नकसीर (Hemorrhage)
अक्सर गर्मियों में नाक से खून निकलने की समस्या हो जाती है. ज्यादातर लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं. इसके लिए ताजा हरी दूब की पत्तियों को पानी धो लें, फिर पीस कर उसका रस निकाल लें. इसके बाद रस की 2 से 3 बूंद थुनों में डाल लें. इससे नकसीर की समस्या नहीं होगी.
घाव (Wound)
हरी दूब घाव के इलाज में बहुत कारगर साबित है. इसके लिए हरी दूब (Durva Grass) को पीस लें, फिर घाव पर लगा लें.
झुर्रियां (Wrinkles)
अगर आप झुर्रियां को दूर करना चाहते हैं, तो इसके लिए 40 ग्राम हरी दूब की (Durva Grass) जड़ का काढ़ा बनाएं. इसके बाद सुबह-शाम पिएं. इससे चेहरे की झुर्रियां बहुत आसानी से खत्म हो जाएंगी.
खुजली (Itching)
गर्मियों व सर्दियों में अक्सर शरीर में रुखापन हो जाता है, जिससे शरीर में खुजली होना आम बात है. ऐसे में 2 चम्मच दूब के रस को तिल के तेल में मिलाएं, फिर खुजली वाली जगह पर लगा लें. इससे आपको जल्दी ही राहत मिल जाएगी.
गठिया (Gout)
अक्सर बढ़ती उम्र के साथ लोगों की हड्डियां कमजोर हो जाती है, साथ ही शरीर में गठिया रोग की समस्या होने लगती है. इसके लिए आप हरी दूब की पत्तियों का रस बनाएं और दर्द वाली जगह की मालिश करें. इससे आपको जल्द ही राहत मिलेगी.
त्वचा रोगों का इलाज (Treatment of Skin Diseases)
हरी दूब (Durva Grass) को हल्दी के साथ मिलाकर पीस लें, फिर इस घोल को त्वचा पर लगा लें. इससे खाज-खुजली और दाद की समस्या खत्म हो जाएगी.
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