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Ganoderma Mushroom: किसानों को मालामाल कर देगी जादुई गैनोडर्मा मशरूम

मशरूम की गैनोडर्मा ल्यूसिडम प्रजाति में काफी औषधीय गुण हैं. इसे जादुई मशरूम भी कहा जाता है.यह मधुमेह, कैंसर, सूजन, अल्सर के साथ-साथ बैक्टीरिया और त्वचा के संक्रमण जैसी बीमारियों को ठीक करने हेतु सदियों से उपयोग किया जाने वाला एक औषधीय मशरूम है.

डॉ. अलका जैन
Ganoderma Mushroom
Ganoderma Mushroom

बहुव्याधि निवारक मशरूम

यह मधुमेह, कैंसर, सूजन, अल्सर के साथ-साथ बैक्टीरिया और त्वचा के संक्रमण जैसी बीमारियों को ठीक करने हेतु सदियों से उपयोग किया जाने वाला एक औषधीय मशरूम है.

उत्तराखंड में इसे निजी कंपनियों तक पहुंचाने के लिए चेन भी तैयारी की जा रही है. यहां इसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में किया जाता है. इसे "अमरता का मशरूम" (Mushroom Of Immortality), "आकाशीय जड़ी-बूटी" (Celestial Herb) और "शुभ जड़ी-बूटी" (Auspicious Herb) जैसे उपनाम दिये गए हैं. इसे विश्व स्तर पर "लाल ऋषि मशरूम" (Red Reishi Mushroom) के रूप में भी जाना जाता है. सामान्य मशरूम के विपरीत इस मशरूम की खासियत यह है कि यह केवल लकड़ी पर उगता है. यह गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से पनपता है तथा उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों के मिश्रित जंगलों में फलता है. 

अन्य उपयोग 

दवाओं के अलावा गैनोडर्मा ल्यूसिडम का उपयोग चाय, कॉफी, एनर्जी सप्लीमेंट, हेल्थ बूस्टर, पेय पदार्थ, पकी हुई सामग्री और एंटी-एजिंग सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्पादों के निर्माण के लिये एक आधार सामग्री के रूप में भी किया जाता है.

प्रमुख उत्पादक देश 

इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका देशों तक सीमित है. गैनोडर्मा के बारे में जागरूकता फैल रही है तथा इस मशरूम की मांग ने भारत सहित कई देशों को बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करने और इसके उत्पादों के निर्माण के लिये प्रेरित किया है.

उत्तराखंड और हिमाचल में गैनोडर्मा मशरूम किसानों की आय का एक बड़ी साधन बना है. भारत एक ऐसा देश है जहाँ अधिकांश आबादी मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है और यहाँ इस मशरूम की खेती करने की काफी संभावनाएँ हैं.

ये भी पढ़ें: मशरूम की खेती में बिहार नंबर 1, अन्य राज्यों के किसान देख हो रहे हैरान, जनिए इसकी विधि और उन्नत तरीका

इसकी खेती देश में लकड़ी के लट्ठों पर की जाती है.

इसमें आजीविका की ही नहीं लाभ की भी अपार संभावनाएँ  हैं. 90 वर्ग मीटर भूमि पर उगने वाला गैनोडर्मा मशरूम करीब तीन लाख 30 हजार रुपये प्रतिवर्ष की आय दे सकता है.

इसकी खेती कर लाखों किसान अच्छी खासी आमदनी कमा सकते हैं. उत्तराखंड में कई ऐसे किसान हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान खेती का काम शुरू किया और आज वह एक सफल कृषि के तौर पर काम कर रहे हैं.

English Summary: Magical Ganoderma Mushroom cultivation will make farmers rich Published on: 16 May 2022, 04:01 PM IST

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