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मनमर्जी रसायनों के इस्‍तेमाल पर लगेगी पाबंदी, किसानों को जरूरत के हिसाब से मिलेगी खाद

ये बात किसी से नहीं छुपी है कि आजकल कुछ किसान अपनी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए रसायनों का अत्यधिक इस्तेमाल करने लगे हैं. ऐसे में हरियाणा सरकार अब इन पर लगाम लगाने जा रही है.

अनामिका प्रीतम
बदले नियम: किसानों के लिए मुसीबत या फायदा?
बदले नियम: किसानों के लिए मुसीबत या फायदा?

आजकल बाजार में केमिकल वाली सब्जियां खूब मिल रही हैं. ये केमिकल वाली सब्जियां ना सिर्फ हमारे सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि ये जहां उगाई जाती हैं, वहां की मिट्टी भी खराब कर देती हैं. इन दिनों कई किसान ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अपनी खेतों में धड़ल्ले से रसायनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में सरकार इन किसानों को सबक सिखाने की तैयारी कर रही है.

अपनी मर्जी से रसायनों के इस्तेमाल पर रोक!( Prohibit the use of chemicals on your own free will!)

हरियाणा सरकार उन किसानों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है, जो अपने खेतों में अत्यधिक मात्रा में रसायनों का प्रयोग करते हैं. इसके लिए राज्य के 49 खंडों को चिन्हित भी किया जा चुका है. इसके तहत इन खंडों में प्रति एकड़ सोयल हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया जायेगा.

विभागीय सूत्रों के अनुसार, सोयल हेल्थ कार्ड में जिन पोषक तत्वों की कमी देखने को मिलेगी, उसी अनुपात में किसानों को रसायन उपलब्ध कराया जायेगा,जिससे सही में खेत में जितनी रसायन की जरूरत होगी उतना ही उन्हें मिलेगा. अगर वो जरूरत से ज्यादा रसायन खरीदना चाहते हैं, तो उन्हें सरकार द्वारा सब्सिडी नहीं दी जाएगी.

किसान सहायकों की ट्रेनिंग भी शुरू (Training of farmer assistants also started)

सरकार ने इसके लिए किसान सहायकों को ट्रेनिंग देनी भी शुरू कर दी है. इन किसान सहायकों की ट्रेनिंग राज्य के करनाल में होगा. ट्रेनिंग के बाद इन किसानों को फील्ड में भेजना शुरू कर दिया जायेगा. इनका काम  खेतों में मिट्टी के नमूने लेने और उसकी जांच करना होगा. जांच में आई रिपोर्ट के अनुसार, ही रसायनों के इस्तेमाल को सुनिश्चित किया जायेगा.

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इससे क्या होगा फायदा? (What will be the benefit of this?)

इस कदम से हरियाणा सरकार ने अत्याधिक रसायनों के प्रयोग से बंजर होती जमीन को बचाने की कवायद की है, क्योंकि अत्यधिक मात्रा में भूमि में रसायनों का प्रयोग जमीन की उर्वरा शक्ति को लगातार कम कर रही हैं. साथ ही इन रसायनों में उगे सब्जी और फल सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसके साथ ही इससे रसायन खरीदने में लगने वाले पैसे भी किसानों के बचेंगे. 

ऐसे में अब किसान अपने खेतों में अंधाधुन रसायनों का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. हालांकि सरकार द्वारा अभी इसका आधिकारिक एलान नहीं किया गया है. सोयल हेल्थ कार्ड की रिपोर्ट के आधार पर उर्वरकों का इस्तेमाल होगा, तो किसानों का काफी फायदा होगा.

English Summary: Farmers will no longer be able to use chemicals of their choice, the government has changed the rules Published on: 11 April 2022, 12:32 PM IST

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