टोयटा इंडिया ने एक बार फिर ग्रामीण भारत को नई सौगात देते हुए अपनी पावरफुल फुल न्यू साइज एसयूवी फॉर्च्यूनर खास अवतार में पेश की है. 2021 के इस मॉडल की ये गाड़ी पहले से अधिक मजबूत, सुंदर और अधिक फीचर्स के साथ उपलब्ध है. भारत के बाजारों में इसकी शुरुआती कीमत 29.98 लाख रुपए रखी है. चलिए आपको बताते…
किसानों के लिए कृषि यंत्र (Agricultural Machinery) बहुत उपयोगी माने जाते हैं, क्योंकि खेती में इनके उपयोग से समय और लागत दोनों की बचत होती है. इस श्रेणी में ब्रश कटर (Brush Cutter) का नाम भी शामिल है, जो किसानों के लिए एक बहुउपयोगी और बचत करने वाली मशीन है.…
एक समय था जब किसानों की रातें खेतों में जंगली जानवरों को भगाने और पहरेदारी में ही निकल जाती थी, लेकिन आज नई तकनीकों के आने के बाद ये समस्या काफी हद तक कम हो गई है. हालांकि आज भी गांवों में पशुओं को खेतों से भगाने के लिए किसान ढोल पीटता, पटाखे फोड़ता या शोर मचाता हुआ आपको दिख…
किसी भी फसल की अधिक पैदावार लेने के लिए अच्छी किस्म के बीज, सही मात्रा में पोषक तत्वों की पूर्ति करने के साथ ही खरपतवार नियंत्रण भी बहुत आवश्यक होता है. खरपतवार नियंत्रण के लिए हम विभिन्न कीटनाशकों का उपयोग करते हैं. खेतों में कीटनाशक के छिड़काव के लिए प्राय: हम नैपसैक स्प्रेयर का उपयोग करते हैं. लेकिन इससे सीधे…
आजकल किसानों के पास छोटे-छोटे कृषि कार्यो के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनों और उपकरणों उपलब्धता है. जिनसे श्रम के साथ समय की भी बचत होती है. खेतों से फसल की कटाई और मड़ाई के बाद भूसा बच जाता है, जिसे पशुओं के लिए सालभर तक बचाकर रखना पड़ता है. लेकिन भूसे को खेतों या खलियानों से घर तक लाना…
फसलों को हानिकारक कीटों (Harmful pests) से बचाने के लिए सामान्यता किसान रसायनिक कीटनाशक (Chemical pesticides) का प्रयोग करते हैं. जिसकी वजह से पर्यावरण प्रदूषण के साथ कीटों में सहनशीलता (resistant) उत्पन्न हो जाती है, और किसान को कीट नियंत्रण के लिए अधिक डोज देनी पड़ती है. अतः खर्चा भी अधिक और मानव स्वास्थ पर भी बुरा असर होता है.…
देश में आज भी ऐसे किसानों की बड़ी संख्या है जो पारंपरिक तरीकों से ही खेती करते हैं. बीज बुआई के लिए आज कई किसान छिटकाव विधि से करते हैं जिसके कारण उत्पादन में कमी आती है. दरअसल, छिटकाव विधि से बीज कहीं ज्यादा गिर जाता है तो कहीं कम. ऐसे में पौधों के बीच की दूरी में काफी अनियमितता…
जैसे ही दिसंबर-जनवरी का महीना आता है, वैसे ही तापमान गिरने लगता है, जिससे आलू, मटर जैसी फसलों पर पाले का असर पड़ने लगता है. इस कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई मशीन का निर्माण किया है, जो कि फसलों को पाले से बचाएगी.…