पटना : राज्य व केंद्र सरकार ने इस साल बिहार में आयी भीषण बाढ़ का न केवल डट कर मुकाबला किया बल्कि बाढ़ प्रभावित 38 लाख परिवारों को करीब 2300 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिये प्रति परिवार 6-6 हजार रुपये सीधे उनके खाते में जमा कराया. अब 19 जिलों के किसानों को राहत देने के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी के तौर पर मंत्रिपरिषद ने 894 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है जिसे छठ पूजा के बाद बांटा जायेगा.
बाढ़ से 6 लाख 52 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसलें प्रभावित हुई जिससे 894 करोड़ की क्षति का अनुमान है. सर्वाधिक क्षति पूर्वी चंपारण (89 हजार हेक्टेयर), प. चंपारण (75 हजार हेक्टेयर), दरभंगा (59 हजार हेक्टेयर) तथा पूर्णिया (45 हजार हेक्टेयर) रही. गैर सिंचित क्षेत्रों के लिए 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्रों के लिए 13,500 व गन्ने के लिए 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर क्षतिपूर्ति का प्रावधान है.
पूर्वी चंपारण के लिए 127 करोड़, पष्चिमी चंपारण 114 करोड़, कटिहार 84 करोड़, सीतामढ़ी 70 करोड़ 65 लाख, पूर्णिया 61 करोड़ व मुजफ्फरपुर के लिए 58 करोड़ सहित सभी प्रभावित 19 जिलों के लिए 894 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
बाढ़ के दौरान 32 लाख परिवारों को फुट पैकेट दिये गये थे. जिसमें 6 किग्रा. चावल, 1 किग्रा. दाल, 2 किग्रा. आलू या 500 ग्रा. सोयाबीन, 500 ग्रा. नमक, हल्दी पैकेट व हैलोजन टैबलेट थे. राज्य के 19 जिलों की 1 करोड़ 71 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई और 514 लोगां की मृत्यु हुई, मगर केन्द्र व राज्य सरकार ने पूरी तत्परता से इस आपदा का सामना किया और राहत व बचाव में कोई कोताही नहीं होने दी.
बिहार सरकार 894 करोड़ रूपये देगी
राज्य व केंद्र सरकार ने इस साल बिहार में आयी भीषण बाढ़ का न केवल डट कर मुकाबला किया बल्कि बाढ़ प्रभावित 38 लाख परिवारों को करीब 2300 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिये प्रति परिवार 6-6 हजार रुपये सीधे उनके खाते में जमा कराया. अब 19 जिलों के किसानों को राहत देने के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी के तौर पर मंत्रिपरिषद ने 894 करोड़ रुपये स्वीकृत किया है जिसे छठ पूजा के बाद बांटा जायेगा.
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