आम तौर पर खांसी को कोई बीमारी नहीं समझा जाता है, लोग इसको लेकर न तो गंभीर होते हैं, और न किसी उपचार की जरूरत समझते हैं. मौसम बदलने के समय विशेषकरसर्दियों की शुरुआत या अंत में छींक, गले में दर्द, बदन दर्द और बुखार की शिकायत लोगों को होती ही है, जिसे वो कोई छोटा मोटा-वायरल संक्रमण मानकर अनदेखा कर देते हैं.
बीमारियों के प्रति करता है सचेत
डॉक्टर्स की माने तो खांसी आपके शरीर मेंफर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंसहै. ये आपके अंदर पनप रही या पनपने की कोशिश कर रही दूसरी बीमारियों के प्रति आपको सचेत करती है. साधारण खांसी भी देखते ही देखते असाधारण बन सकती है. इस मामले में जरा सी देर आपकी सेहत बहुत गंभीर रूप से खराब कर सकती है. चलिए इस लेख के माध्यम से हम आपको खांसी के प्रकार और उससे बचाव के बारे में बताते हैं.
कैसे होती है खांसी?
शरीर में जब भी कुछ अनावश्यक चीज प्रवेश करती है या प्रकट होती है, तो हमारे फेफड़ों, सांस की नलियों और गले में संक्रमण होता है, जिससे खांसी होती है. खांसी हमारे शरीर के लिए वास्तव में किसी सुरक्षा तंत्र की तरह काम करता है.
खांसी आने का मतलब है कि आपका शरीर किसी अनचाहे दुश्मन से लड़ने के लिए एक्टिव हो गया है. इस प्रक्रिया के माध्यम से हमारा शरीर बीमारियों और जीवाणुओं से युद्ध करता है. अगर बीमारियों के मुकाबले शरीर का रक्षा तंत्र मजबूत हुआ तो आपको कोई परेशानी नहीं होती, अगर रक्षा तंत्र तोड़कर संक्रमण अंदर प्रवेश कर गया फिर परेशानी शुरू हो जाती है.
खांसी के प्रकार
खांसी की जड़ कुछ भी हो सकती है, जैसे- दमा, गले का संक्रमण, टॉन्सिल्स का बढ़ जाना, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में होने वाला संक्रमण या अन्य किसी तरह की बीमारियों के प्रभाव आदि. खांसी केप्रमुख चार रूप हैं, जिन्हें कुकुर खांसी, काली खांसी, ठस्के वाली खांसीऔर दमे वाली खांसी कहा जाता है.
छोटे बच्चों में खांसी का सबसे बड़ा कारण
बच्चों में होने वाली खांसी पर कई तरह के शोध हो चुके हैं और अभी भी हजारों लोग शोध कर रहे हैं. इस बारे में हर साल किसी न किसी तरह की रोचक जानकारियां बाहर आती ही रहती है. छोटे बच्चों के पेट में कीड़ों कीसमस्या आम है, जिस कारण उन्हें खांसी होती है.
हर खांसी नहीं है टीबी
खांसी को गीली और सूखी दो वर्गों में बांटा जा सकता है. अगर आपको बहुत समय से सूखी खांसी है, तो संभावना है कि आपको टीबी की समस्या हो सकती है.हालांकि सामान्य खांसी दिनचर्या और दैनिक आहार में गड़बड़ी के कारण भी होती है.
गले का संक्रमण है खराब
हमारा गला हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है. किसी मशीन की तरह शरीर के सभी तार यहीं होकर गुजरते हैं. गले में संक्रमण होने का मतलब आपके शरीर का कमजोर होना है, इससे बीमारियों को बल मिलता है. खराब तेल से बने व्यंजन, खट्टाखाना आदि के बादतुरंत ठंडा या बहुत अधिक गर्म पानी पीने के कारणभी खांसी हो सकती है.
सचेत होने का समय
आम तौर पर होने वाली खांसी एक सप्ताह में सही हो जाती है. लेकिन अगर एक सप्ताह के बाद भी आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही और दवा से कोई आराम नहीं मिल रहा, तो अब आपको सचेत होने की जरूरत है. इस बात को गंभीरता से लेते हुए किसी अच्छे डॉक्टर से मिले और उनका परामर्श लें.
इस तरह रखें सावधानी
किसी भी परेशानी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि सुरक्षा के उपाय किए जाए. अगर आपको खांसी की समस्या है, तोठंडा या गर्म पानी की जगह गुनगुना पानी पीजिए.सर्दियों में स्नान भी ठंडे पानी की जगह गुनगुने पानी से ही करें. खांसी के साथ कफ ज्यादा निकल रहा है, तो थूकदान में उसे थूकें.
भोजन में करें बदलाव
शरीर को गर्म रखने वाले पदार्थों का सामान्य सेवन कर सकते हैं. मीठे गुड़, मुलहठी या शहद आदि सामान्य खांसी में फायदेमंद है. इसके साथ ही गर्म पानी, लहसुन, अदरक आदि भी अपने भोजन में शामिल करें.
इन चीजों से करें परहेज
खांसी की समस्या होने पर चिकनाई वाले भोजन,मिठाई, पकौड़ें आदि न खाएं. खुले बदन ठंडी हवा में जाने से बचें. पूरी तरह से शरीर को ढ़कने के बाद ही बाहर जाएं.
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