1. Home
  2. पशुपालन

उस्मानाबादी बकरी पालन से किसान हो सकते हैं मालामाल, जानिए क्या है खासियत

देश में जहां एक ओर कृषि क्षेत्र में विकास हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर खेती से जुड़े बिजनेस में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. पशु पालन की ओर भी लोगों का रुख बढ़ा है. ऐसे में अगर आप भी पशुपालन का बिज़नेस करना चाहते हैं और बकरी पालने की सोच रहे हैं तो बकरी कौन-सी पालनी चाहिए इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है.

राशि श्रीवास्तव
राशि श्रीवास्तव
उस्मानाबादी बकरी का पालन
उस्मानाबादी बकरी का पालन

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन का बिजनेस तेजी से लोकप्रिय होता रहा है क्योंकि इस व्यवसाय में किसान कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. खास बात ये है, कि बकरी पालन के लिए ज्यादा ज्ञान और देखभाल की जरूरत नहीं होती सरकार भी बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए तमाम तरह की कोशिश करती है. इसके अलावा बैंक भी लोन देते हैं, लेकिन किसानों के सामने बकरी पालन का व्यवसाय शुरू करते वक्त सबसे बड़ी समस्या होती है कि कौन-सी नस्ल की बकरियों का पालन करें ताकि बढ़िया मुनाफा  कमा सकें. ऐसे में आपको उस्मानाबादी बकरियों की जानकारी दे रहे हैं जिनका पालन करने से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

उस्मानाबादी बकरी पालन से लाभ- उस्मानाबादी प्रजाति की बकरियों की ट्विनिंग रेट मतलब दो बच्चे देने की क्षमता लगभग 47 फीसदी तक होती है. इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है, बेहतर तरीके से पालन होने पर ग्रोथ काफी तेज होता है. उस्मानाबादी बकरी दूध उत्पादन और मांस उत्पादन दोनों के लिए उपयुक्त होती है हालांकि यह दूध ज्यादा नहीं देती. यह प्रतिदिन 4 महीने तक 0.5- 1.5 लीटर दूध देती है लेकिन इसके मांस की मांग बहुत अधिक होती है. अन्य प्रजाति की तुलना में उस्मानाबादी बकरी की नस्लों का गर्भकाल 5 महीने का होता है. इन नस्लों की बकरियों के खाने और देखभाल पर अधिक खर्च भी नहीं लगता.  

उस्मानाबादी बकरियां कहां मिलेंगी- इस नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में मिलती हैं, तभी इसे उस्मानाबादी बकरी कहते हैं. इस नस्ल की बकरियां महाराष्ट्र के उस्मानाबाद, तुलजापुर, अहमदनगर, उदगीर, लातूर, सोलनपुर और परभणी के साथ-साथ तेलंगाना, आंध्र प्रदेश जैसे कई अन्य प्रदेशों में भी मिलती हैं.

उस्मानाबादी बकरी की विशेषता- इस नस्ल की  बकरियों के खानपान और रखरखाव पर कम खर्च होता है. इनकी लम्बाई मध्यम आकार से बड़ी होती हैं रंगों की बात की जाए तो चित्तीदार, भूरा और ज्यादातर काले रंग की होती हैं. 

उस्मानाबादी बकरी का वजन- अगर उस्मानाबाद बकरी के शुद्ध वजन की बात की जाए तो नर उस्मानाबादी बकरे का औसत वजन 2 साल की आयु में 55-65 किलो होता है और उस्मानाबादी बकरी मादा का वजन 2 साल की आयु में 45 -55 किलो होता है.

उस्मानाबादी बकरी का टीकाकरण- उस्मानाबादी बकरी क्लोस्ट्रीडायल नामक रोग से ग्रसित हो जाए तो बकरियों को इस रोग से बचाने के लिए CDT या CD और T टीका लगवाना चाहिए. उस्मानाबादी बकरी के मेमने को टिटनेस का पहला टीका जन्म के बाद लगवाना चाहिए और दूसरा टीका मेमने की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए जन्म के 35- 40 दिन पर लगवाना चाहिए.

उस्मानाबादी बकरी की कीमत- उस्मानाबादी नस्ल में नर बकरियां की अधिक मांग की जाती है. नर बकरी की कीमत 4 हजार 500 रूपए से लेकर 6 हज़ार रूपए तक होती है, जबकि मादा बकरी की कीमत 3 हज़ार 500 रूपए से लेकर 4 हज़ार 500 रुपए होती है. लेकिन कीमत बकरी के ताकत वाले शरीर और मांसपेशियों पर निर्भर करता है,

ये भी पढ़ेंः बकरी पालन में लागत से लेकर मुनाफा तक की सम्पूर्ण जानकारी

इस नस्ल के नर बकरे के मांस की कीमत 275-300 रुपए प्रति किलोग्राम होती है सर्दियों में इस बकरे की कीमत बढ़ जाती है और ईद पर तो बहुत ज्यादा डिमांड रहती है.

English Summary: Osmanabadi goat rearing can make farmers rich, know what is the specialty Published on: 30 March 2023, 12:50 IST

Like this article?

Hey! I am राशि श्रीवास्तव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News