1. Home
  2. पशुपालन

दुग्ध एवं ऊन उत्पादन में राजस्थान ने रचा इतिहास, बना नंबर-1

राजस्थान आज के समय में किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है. चाहे वह खेती-बाड़ी (Agricultural) हो या फिर पशुपालन से जुड़ा हो. दरअसल, हाल ही में राजस्थान ने दुग्ध एवं ऊन उत्पादन में एक नया इतिहास रच दिया है. हर तरफ इस राज्य के कार्यों की तारीफ की जा रही है.

लोकेश निरवाल
लोकेश निरवाल
राजस्थान के पशुपालकों ने रचा इतिहास
राजस्थान के पशुपालकों ने रचा इतिहास

भारत के किसान भाई और साथ ही पशुपालक भाई भी देश-विदेश तक अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. इसी के साथ यह देश की अर्थव्यवस्था (country's economy) में भी अपना अहम योगदान दे रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का हर एक राज्य अपनी एक अलग खासियत के लिए प्रसिद्ध है. इसी के चलते राज्य अपने आपको हर क्षेत्र में नंबर-1 पर लाने के लिए राज्य सरकार के साथ किसान व पशुपालन कड़ी मेहनत करते रहते हैं. ऐसे राजस्थान राज्य ने एक नया इतिहास रच दिया है. दरअसल, राजस्थान दुग्ध एवं ऊन उत्पादन (Rajasthan Milk and Wool Production) में भारत में सबसे प्रथम स्थान प्राप्त किया है.

राजस्थान ने हासिल किया प्रथम स्थान

केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला द्वारा जारी विभागीय वार्षिक आकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में राजस्थान 15.5 प्रतिशत दुग्ध उत्पादन एवं 45.91 प्रतिशत ऊन उत्पादन के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया है. आंकड़ों के अनुसार, साल 2021-22 में देश में दुग्ध उत्पादन 221.06 मिलियन टन हुआ, गत वर्ष की तुलना में 5.29 प्रतिशत वृद्धि दर दर्ज की गयी. वहीं पूरे देश में साल 2021-22 में कुल ऊन उत्पादन 33.13 हजार टन रहा.

दुग्ध उत्पादन और ऊन उत्पादन में राज्यों की लिस्ट

राजस्थान सरकार के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देशभर के मुख्य 5 दुग्ध उत्पादन और ऊन उत्पादन राज्य की टॉप लिस्ट निम्नलिखित हैं.

दुग्ध उत्पादन: राजस्थान (15.05 %), उत्तर प्रदेश (14.93 %), मध्य प्रदेश (8.06 % ),गुजरात (7.56 %) एवं आंध्र प्रदेश (6.97 %) राज्य शामिल है.

ऊन उत्पादन:  राजस्थान(45.91 %), जम्मू एवं कश्मीर (23.19 %),गुजरात (6.12 %),महाराष्ट्र (4.78 %),एवं हिमाचल प्रदेश (4.33 %) राज्य शामिल है.

पशुपालन के क्षेत्र में सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास

राजस्थान की इस बड़ी कामयाबी से आज देशभर में यहां के पशुपालकों की तारीफ की जा रही है. इस संदर्भ में पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल का कहना है कि इतनी बड़ी कामयाबी के लिए प्रदेश वासियों के लिए यह गर्व का विषय है कि राज्य दुग्ध एवं ऊन उत्पादन में प्रथम स्थान पर है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार की पशुपालकों के लिए कल्याणकारी सोच एवं योजनाओं के चलते आज यह सब मुमकिन हो पाया है. राज्य पशुपालन के क्षेत्र में देश एवं विदेशों में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य की सकल विकास दर में पशुपालन के अहम योगदान को देखते हुए विभाग लगातार पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहा है. ताकि वह भविष्य में आगे और अधिक बढ़ सके. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि योजना के तहत मिलने वाले अनुदान की वजह से राज्य में दुग्ध उत्पादन  में वृद्धि के साथ पशुपालकों की आय में भी वृद्धि के साधन विकसित हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः पशुपालकों को नहीं मिल रहा है चारा, आहार के दाम भी बढ़े

एक दिन में 52 लाख लीटर दूध संकलित का रिकॉर्ड

राजस्थान कोपरेटिव डेयरी फेडरेशन की प्रबंध संचालक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि हाल ही में राज्य की सरस डेयरी द्वारा एक दिन में 52 लाख लीटर से अधिक मात्रा में दूध निकालने का रिकॉर्ड बनाया गया था. देखा जाए तो गुजरात एवं कर्नाटक के बाद दुग्ध संकलन में राजस्थान डेयरी का स्थान आता है. उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में उच्च गुणवत्ता युक्त दुग्ध संकलन पर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की सरस डेयरी आज देशभर में अपनी अलग पहचान प्राप्त कर रही है.

English Summary: Rajasthan created history in milk and wool production, became number-1 Published on: 31 March 2023, 12:29 IST

Like this article?

Hey! I am लोकेश निरवाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News