PM Fasal Bima Scheme: आज के समय में किसानों को खेती करने के लिए अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. कभी किसानों की फसलें प्राकृतिक आपदों के चलते खराब हो जाती हैं, तो कभी कीटाणु लगने से पूरी फसल बर्बाद हो जाती है.
ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए पीएम फसल बीमा योजना किसानों के लिए बेहद लाभकारी है. जिसके तहत किसानों को उनकी फसल का मुआवजा सरकार की ओर से मिलता है, इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया.
छत्तीसगढ़ सरकार ने सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए फसल बीमा योजना की शुरूआत की है. इस योजना के तहत राज्य के किसान निश्चिंत होकर सब्जियों की खेती कर पाएंगे. किसानों की सब्जी की फसल बर्बाद होने की एवज में सरकार उन्हें मुआवजा देगी.
जानें क्या है नियम
इस योजना के तहत अगर किसानों को कोई व्यक्तिगत नुकसान हुआ है तो उन्हें लाभ मिलेगा, पहले सिर्फ सामूहिक स्तर पर फसल बर्बाद होने पर यह लाभ किसान को मिलता था. प्राकृतिक आपदाओं में बर्बाद हुई किसानों की फसलों की भरपाई बीमा कंपनी करती है किसानों को अपनी फसल नुकसान होने की स्थिति में 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी और कृषि विभाग को सूचना देनी होती है.
कौन-कौन सी सब्जियों का होगा बीमा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छत्तीसगढ़ सरकार ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना में आलू, प्याज, टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज, जैसी सब्जियों को शामिल किया है. छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ते जलवायु संकट के खतरों के मद्देनजर ये फैसला लिया है, जिसके तहत अब रबी सीजन की सब्जी फसलों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाया गया है. कृषि विषेशज्ञों के मुताबिक इस योजना के तहत किसानों की बागवानी फसलों का भी उत्पादन बढ़ेगा.
फसलों की बीमा का ब्याज
छत्तीसगढ़ मौसम आधारित फसल बीमा योजना- (PMFBY) |
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सब्जी फसल |
बीमा की रकम |
ब्याज का भुगतान |
टमाटर |
1,20,000 रुपये |
6000 रुपये |
फूलगोभी |
70,000 रुपये |
3500 रुपये |
फूलगोभी |
77,000 रुपये |
3850 रुपये |
पत्तागोभी |
70,000 रुपये |
3500 रुपये |
प्याज |
80,000 रुपये |
4000 रुपये |
आलू |
1,20,000 रुपये |
6000 रुपये |
किसानों को इतना देना होता है प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत, रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत और बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम देना होता है. बता दें कि सरकार ने हाल ही में दावा किया था कि पिछले 6 वर्षों में किसानें ने जो प्रीमियम दिया है, उससे पांच गुना अधिक राशि किसानों को मुआवजे के तौर पर दी गई है.
15 दिसंबर तक किसान करवा सकते हैं बीमा
यह योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल है. इसमें छत्तीसगढ़ के किसान 15 दिसंबर तक अपनी फसलों का इंश्योरेंस करा सकते हैं. बता दें कि फिलहाल किसान 31 दिसंबर तक रबी की फसलों का बीमा करा सकते हैं.
फसल बीमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
एमएफबीवाई के तहत मौसम आधारित फसल बीमा करवाने के लिए इन दस्तावेजों की कॉपी लगाना अनिवार्य है.
- फसल बीमा का आवेदन फार्म
- फसल बुवाई का प्रमाण-पत्र
- किसान के खेत का नक्शा (खसरा या बी-1 की कॉपी)
- किसान का आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- किसान का पासपोर्ट साइज फोटो
ऐसे करें आवेदन
किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान है लेकिन अगर किसान चाहें तो अपनी सहूलियत के अनुसार ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
ऑफलनाइन आवेदन के लिए किसानों को https://pmfby.gov.in/ से आवेदन फॉर्म डाउनलोड करना होगा, जिसे किसानों को भरकर और अन्य दस्तावेजों की हार्ड कॉपी अटैच करके कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग के जिला कार्यालय में जमा करवानी होगी.
- वहीं किसानों की अपनी फसल का ऑनलाइन बीमा करवाने के लिए पीएम फसल बीमा योजना की अधिकारिक वेवसाइड https://pmfby.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा.
- यहां किसान अपना पंजीयन करने के बाद “Apply as a farmer” के विकल्प का चयन करें.
- नए वेब पेज पर फसल बीमा का आवेदन फॉर्म खुल जाएगा.
- इस फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां ऑनलाइन फिल कर दें.
- इस फॉर्म को ध्यानपूर्वक रिव्यू करें और सभी डोक्यूमेंट्स की सॉफ्ट कॉपी अटैच कर दें.
- अंत में Submit के बटन पर क्लिक कर दें.
जिसके बाद अब स्क्रीम पर एक एप्लीकेशन कोड मिलेगा, जिसे संभालकर कहीं लिख लें, क्योंकि क्लेम के सेटलमेंट यानी फसल बीमा का मुआवजा इसी एप्लीकेशन कोड की तर्ज पर दिया जाता है. किसान चाहें तो खुद भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं या सीएससी सेंटर/ई-मित्र केंद्र पर आकर भी आवेदन कर सकते हैं.
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