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गेहूं की भालिया किस्म उगाने से किसानों को होगी मोटी कमाई, जानिए इसकी बुवाई के फायदे

भारत में गेहूं की खेती मुख्य तौर पर होती है. यहां किसान गेहूं की कई अलग-अलग क़िस्मों की बूवाई कर अच्छी उपज हासिल कर रहे हैं. इसमें एक नाम गेहूं की भालिया किस्म का भी शामिल है. दरअसल, APEDA ने 12 नवंबर को ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि अब भालिया किस्म गुजरात के 5 से अधिक जिलों में उगाई जाएगी. इ

रुक्मणी चौरसिया
Wheat Farming
Wheat Farming

भारत में गेहूं की खेती मुख्य तौर पर होती है. यहां किसान गेहूं की कई अलग-अलग क़िस्मों की बूवाई कर अच्छी उपज हासिल कर रहे हैं. इसमें एक नाम गेहूं की भालिया किस्म का भी शामिल है. दरअसल, APEDA ने 12 नवंबर को ट्वीट कर यह जानकारी दी है कि अब भालिया किस्म गुजरात के 5 से अधिक जिलों में उगाई जाएगी.

इसमें अहमदाबाद के बरवाला, बवाला, धंधुका, ढोलका और आनंद का कम्भख्त के अलावा तारापुर खेड़ा, मटर भावनगर, भावनगर, वल्लभीपुर, सुरेंद्रनगर, लिमड़ी भरुच, जम्बूसर और वागरा का नाम शामिल है. बता दें कि गेहूं की यह किस्म कई गुणों से भरपूर है.इ समें फाइबर की अधिक मात्रा पाई जाती है.

बता दें कि गुजरात के भाल क्षेत्र में बहुत सालों से भालिया गेहूं की खेती की जाती है. इसकी खेती में सिंचाई की जरूरत नहीं होती है, साथ ही बारिश के पानी में ही खेती होती है. यही वजह है कि इसको GI Tag मिला हुआ है. भालिया गेंहू की बुवाई के लिए संरक्षित मिट्टी बहुत ही अनुकूल मानी जाती है.

गेहूं की भालिया किस्म को स्थानीय लोग दौदखानी (Daudkhani) कहते हैं. भालिया गेहूं का नाम भाल क्षेत्र के कारण पड़ा है. यह क्षेत्र अहमदाबाद और भावनगर जिलों के बीच में पड़ता है. इसके अलावा अहमदाबाद जिले के धंधुका, ढोलका और बावला, सुरेंद्र नगर के लिम्बडी, भावनगर के वल्लभीपुर और आणंद जिले के तारापुर और खंभात, खेड़ा के मातर, भरुच के जम्बुसार, वाग्रा में बड़े क्षेत्रफल में खेती की जाती है. यानि गुजरात में लगभग दो लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में इसकी खेती की जाती है. गेहूं की भालिया किस्म को जुलाई, 2011 में जीआई टैग प्राप्त हुआ था.

भालिया गेहूं के फायदे (Benefits of Bhalia Wheat)

भालिया गेहूं में ग्लूटेन पाया जाता है, जो कि एक तरह का अमीनो एसिड होता है.

इसमें भरपूर प्रोटीन होता है.

इसके अलावा कैरोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है.

इसमें पानी का अवशोषण कम होता है.

स्वाद में मीठा होता है.

इसे भी पढ़ें: GI टैग वाला भालिया गेहूं भेजा गया विदेश, किसानों को इस किस्म की बुवाई से होगा खूब फायदा

मोटी कमाई का है मौका (Big earning opportunity)

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि सरकार लगातार गेहूं के एक्सपोर्ट को बढ़ावा दे रहे है. ऐसे में इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा. आपको बता दें कि वर्ष 2020-21 में, भारत से 4034 करोड़ रुपये का गेहूं निर्यात किया गया है, जो कि उसके पहले की वर्ष की तुलना में 808 फीसदी ज्यादा था.

उस अवधि में 444 करोड़ रुपये का गेहूं निर्यात किया गया था. अमेरिकी डॉलर के लिहाज से वर्ष 2020-21 में गेहूं का निर्यात 778 फीसदी बढ़कर 549 मिलियन डॉलर हो गया है.

English Summary: Farmers will get a chance to earn big by growing Bhalia wheat Published on: 13 November 2021, 04:27 PM IST

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