मानसून 2021 (Monsoon 2021) के झमाझम बरसने की संभावना है. देश के 75% इलाकों में जून से लेकर सितंबर के बीच मानसून की अच्छी बारिश की संभावना है. मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली कंपनी स्काईमेट वेदर के मुताबिक आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी.
स्काईमेट के मुताबिक, आंतरिक कर्नाटक, गुजरात व महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में थोड़ी कम बारिश हो सकती है. दूसरी तरफ पूर्वी राज्यों- बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में औसत से अधिक बरसात होने की संभावना है.
गौरतलब है कि दिल्ली में मानसून की दस्तक का समय 27 जून है. इसी के साथ-साथ यह हरियाणा के कुछ इलाकों और पंजाब में भी उपस्थिति दर्ज करा देता है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसकी धमक दिल्ली से थोड़ा पहले ही हो जाती है जबकि उत्तरी राजस्थान में यह जुलाई के पहले सप्ताह तक आ जाता है.
नॉर्थ ईस्ट और कर्नाटक में कम बारिश के आसार
स्काईमेट वेदर के मुताबिक इस साल जून में 177 मिलीमीटर बारिश हो सकती है, जबकि जुलाई में 277, अगस्त में 258 और सितम्बर में 197 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है. खास बात यह है कि पिछले साल जिन इलाकों में सामान्य से कम बारिश हुई थी, वहां पर इस बार अच्छी बारिश की संभावना है. जून में बिहार और पश्चिम बंगाल में अच्छी बारिश की संभावना है. जुलाई के दौरान महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश राज्यों में अच्छी बारिश होगी, जबकि नॉर्थ ईस्ट और कर्नाटक में बारिश सामान्य से कम रहने की संभावना है.
सरकार तैयार करती हैं योजनाएं
मौसम पूर्वानुमान (Weather Forecast ) से प्राकृतिक आपदाओं जैसे- भारी वर्षा, ओलावृष्टि, हीट वेव (Heavy Rain, Hail, Heat Wave), शीतलहर से फसलों को बचाने की तैयारी (Preparations to Save Crops) में मदद मिलती है. इसके अलावा, केंद्र व राज्य सरकार को भी सूखे और बाढ़ जैसे मामले में किसानों से जुड़ी योजना (Farmers Related Scheme) को तैयार करने में मदद मिलती है.
अच्छे मानसून का खेती पर प्रभाव (Effect of Monsoon on Farming)
अच्छे मानसून से खेती पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. पिछले साल सही वक्त पर बारिश होने कि वजह से रबी फसल की बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी.
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