साल का शायद ही कोई ऐसा महीना होता होगा, जब हिन्दू धर्म में कोई पर्व या त्योहार न होता हों. यह भी सत्य है कि लगभग हर तीज-त्यौहार, व्रत एवं धार्मिक अनुष्ठानों में अगरबत्तियों के बिना प्रयोग के पूरे नहीं होते. शायद यही कारण है कि भारत में अगरबत्ती निर्माण उद्योग में तब्दील होते जा रहे हैं. अगरबत्ती निर्माण का कार्य ना सिर्फ आपको घर बैठे रोजगार दे सकता है, बल्कि इसमे आपार धन कमाने की संभावनाएं भी है. सच कहें तो यह कम लागत में बड़ा मुनाफा कमाने का तरीका है.
अगरबत्ती उद्योग कितना फल-फूल गया है, इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि जो अगरबत्तियां चार साल पहले तक महज 2 से 5 रुपये में बिकती थी, आज वो 20 से 25 रुपये में बिक रही है. इतना ही नहीं, अगर इस धंधे में कुछ नाम कमा लिया आपने तो एक पैकट कुछ सौ रुपये तक में भी बेच सकते हैं.
यह चाहिए कच्चा मालः
इसे बनाने की प्रक्रिया काफी सरल है एवं कच्चे माल के रूप में आपको सिर्फ लकडी, सफेद चंदन, चारकोल, राल तथा गूगल की आवश्यक्ता है.
ऐसे बनाएं अगरबत्तीः
सर्वप्रथम सफेद चंदन तथा चारकोल को अच्छी तरह से पीस लें, इसके बाद गूगल को पानी में मिलाकर खरल करते हुए उसकी लेई बना लें. अब पीसे हुए सफेद चंदन, राल तथा चारकोल को मिला लें. अब आपको इस गूंथे हुए मसाले को बांस की तीलियों लगाना शुरू कीजिए. इन्हें लगाने का तरीका भी सरल है. एक हाथ में हथेली पर मसाला एवं दूसरे हांथ में तिली लेकर उसे मसाले पर धीरे-धीरे घुमाएं.
वैसे बांस की तीलियां बड़ी आसानी से आपको बाज़ार में मिल जाएंगी. अगर साइज की बात करें तो आमतौर पर प्राय 7 इंच से 10 इंच तक एक अगरबत्ती की साइज होती है. इस तरह इन तीलियों पर लगा मसाला जब सूख जाए, उसके बाद इन्हें सुगंधित मिश्रण में डुबो दें.
कितनी हो सकती है आमदनीः
इस काम में आमदनी इस बात पर निर्भर है कि आप तैयार किया गया समान कितना बेच पाएं. फिर भी एक औसत आमदनी की बात करें तो एक पैकट(12 अगरबत्ती) को बनाने की लागत कुछ 3 रूपये आती है, जो 20 रूपये में आमतौर पर बिकती है. यानी एक दिन में अगर आप 100 पैकेट बेचते हैं तो 1700 रूपये का सीधा मुनाफा होता है, जिस हिसाब से महीने में 50 हज़ार रूपये तक आप कमा सकते हैं.
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