पहले समय में किसान अपने पशुओं को चारा खिलाने के लिए या तो खुले मैदानों में ले जाते थे या फिर उनको खुला छोड़ देते थे. लेकिन धीरे-धीरे यह ट्रेंड बदला अब पशुओं को मैदानी इलाकों में चारा खाना अच्छा नहीं लगता, इसलिए उन्हे अब कटा हुआ चारा रास आने लगा. इस बदलाव के कारण पशुपालक भी अपने पशुओं की चारे की नयी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार हो गए और चारा काटने की तरकीब निकाल ली शुरू में पशुपालकों ने हाथ से एक चाकूनुमा औजार से चारा काटना शुरू किया. लेकिन अब उसमें भी बदलाव की जरुरत थी. क्योंकि पशुपालको ने अधिक संख्या में पशुओं को पालना शुरू कर दिया था. इसलिए उनको और अधिक चारे और पौष्टिक चारे की आवश्यकता पड़ने लगी.
ऐसे में चारा काटने के तरीको में फिर से बदलाव हुआ और इस बार निर्माण हुआ चारा काटने की मशीन का. यह चारा काटने वाली मशीन हाथ से चालित है. यह चारा काटने वाली मशीन सिर्फ उन लोगो के लिए है, जो छोटे पैमाने पर पशुपालन करते हैं. यानी जिनके पास एक या दो पशु हैं. लेकिन भारत में पशुपालन और दूध उत्पादन दोनों ही बढे है ऐसे में कम समय में पशुओं के चारे की पूर्ती करना किसी समस्या से कम नही है.
इसके लिए बिजली व इंजिन चालित चारा काटने वाली मशीन का निर्माण किया गया. इस तरह से चारा काटने की पूरी तकनीक और तरीका ही बदल गए. कृषि तकनीकों में होते लगातार बदलावों के कारण कृषि में एक क्रांति आई है. किसान पूरी तरह से बदला है.चारा काटने की तकनीक में बदलाव के कारण इसमें किसानों के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न हुए हैं. जिन क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी डेरी लगी है. वहां पर पशुपालकों को भारी मात्रा में पशुपालको को चारे की आवश्यकता पड़ी है. ऐसे में किसान बड़ी चारा मशीन लगाकर डेरी में चारे की जरुरत को पूरा करते हैं.
जिससे की उनको कमाई का एक और जरिया मिल जाता है. जिससे किसान अच्छी कमाई का एक जरिया मिल जाता है. इस समय जो चारा काटने की मशीन प्रचालन में हैं वह पावर और अत्याधुनिक तकनीक युक्त हैं. इन चारा कटर मशीन के माध्यम से 1 घंटे में भारी मात्रा में चारा काटा जा सकता है. बहुत सी ऐसी निजी कंपनिया हैं जो कि किसानों को चारा काटने के लिए आधुनिक कृषि मशीन उपलब्ध करा रही हैं. इस मशीन को चाफ कटर कहा जाता है.
चाफ कटर बनाने वाली कई कंपनिया हैं जो कि किसानों को उच्च गुणवत्ता के चाफ कटर उपलब्ध करा रही हैं. इनमें मुख्य रूप से अमर एग्रीकल्चर, विश्वकर्मा एग्रो, विधाता इंडिया, राजकुमार एग्रो मशीन और लैंडराटोका आदि कंपनियां हैं. यदि देखा जाए तो पॉवर से चालित एक चाफ कटर मशीन की कीमत लगभग, 20000 से 70,000 तक होती है. मशीन का मुल्य उसकी तकनीकी विशेषताओं पर निर्भर करता हैं. 1 से 3 एच.पी पर चलने वाली एक पॉवर मशीन 600 से 800 किलोग्राम प्रति घंटे की रफ़्तार से चारा काटती है. यदि इससे अधिक पॉवर वाली मशीन हो तो वह और भी तेजी के साथ चारा काटने का काम करती है.
इसके अलावा हस्तचालित चारा काटने की मशीन से 200 किलोप्रति घंटे की रफ़्तार से चारा काटा जा सकता है.चारा काटने की नवीन तकनीकों ने किसानों का काम काम बहुत आसान कर दिया इससे किसानों का समय और लागत दोनों की बचत होती है. इसके अलावा इसके माध्यम से किसान इस मशीन का बड़ी डेरियों के लिए वाणिज्यिक रूप से इस्तेमाल कर पैसा भी कम सकते हैं.
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