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अगले महीने से बढ़ जाएंगे इन दवाओं के दाम, मुश्किल में आ सकती है आम जनता, फौरन कर लें ये तैयारी

पहले पेट्रोल-डीजल..फिर एलपीजी सिलेंडर..फिर सब्जियों के दाम और अब दवाओं की बढ़ती कीमतों से आम जनता बेहाल हो सकती है. गौरतलब है कि इससे पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को खूब रूलाया है और अब अगले महीने अप्रेल से दवाई की बढ़ती कीमतों से आम जनता बेहाल हो सकती है. इस बात की पुष्टि किसी और ने नहीं, बल्कि खुद फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने खुद की है. अथॉरिटी ने कहा कि सरकार ने एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स में वृद्धि करने की इजाजत दे दी है.

सचिन कुमार
Medcine
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पहले पेट्रोल-डीजल..फिर एलपीजी सिलेंडर..फिर सब्जियों के दाम और अब दवाओं की बढ़ती कीमतों से आम जनता बेहाल हो सकती है. गौरतलब है कि इससे पहले पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को खूब रूलाया है और अब अगले महीने अप्रेल से दवाई की बढ़ती कीमतों से आम जनता बेहाल हो सकती है. इस बात की पुष्टि किसी और ने नहीं, बल्कि खुद फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने खुद की है. अथॉरिटी ने कहा कि सरकार ने एनुअल होलसेल प्राइस इंडेक्स में वृद्धि करने की इजाजत दे दी है.  

बढ़ सकते हैं इन दवाइयों के दाम

यहां हम आपको बताते चले कि  दर्द निवारक दवाइयां, एंटीइंफ्लाटिव, कार्डियक और एंटीबायोटिक्स सहित कई अन्य दवाइयों के दाम में इजाफा हो सकता है. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी  देते हुए फॉर्मा विशेषज्ञ कहते हैं कि उत्पादन दर में 20 प्रतिशत के दर का इजाफा दर्ज हुआ है. अब ऐसे में अगर इन दवाइयों की कीमत में इजाफा होता है, तो इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा और वो भी ऐसे समय में जब कोरोना वायरस के  मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं.

कार्डियो वैस्कुलर, डायबिटीज, एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ़ेक्टिव और विटामिन  के मेनेफेक्चुरिंग समेत अन्य दवाओं के प्रति 80 से 90 फीसद निर्भरता हमारी चीन के प्रति है. उधर, चीन से लगातार बिगड़ते रिश्ते इस निर्भरता को कमजोर करते हुए नजर आ रहे हैं. आपको बता दें कि विगत वर्ष जब देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा था। तब उस वक्त चीन के प्रति दवाओं के आयात को लेकर हमारी निर्भरता बढ़ गई थी.

फिर से बढ़ सकती है चीन पर हमारी निर्भरता

मगर, अब जिस तरह के हालात नजर आ रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि अब फिर से दवाओं की पूर्ति के लिए चीन पर हमारी निर्भरता बढ़ सकती है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि दवाओं के निर्माण के लिए हमें कच्चा माल प्राप्त करने के लिए चीन पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन कोरोना वायरस के दौरान जब दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी, तब दवाइयों  के  निर्माण के  लिए कच्चे माल की कीमत बढ़ना लाजमी था. 

हालांकि, चीन के इतर भारतीय दवा कारोबारी कच्चा माल सिंगापुर सहित जर्मनी जैसे देशों से भी प्राप्त करती है, लेकिन अभी के हालिया हालात को देखकर ऐसा माना जा रहा है कि फिर कच्चे माल की प्राप्ति के लिए हमारी निर्भरता इन देशों पर बढ़ेगी जिसके परिणामस्वरूप दवाओं की कीमतों में इजाफा हो सकता है.

English Summary: price of these medicine are going to hike form april Published on: 20 March 2021, 06:16 PM IST

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