कृषि विज्ञान केंद्र, उजवा नई दिल्ली द्वारा कंझावला ब्लांक के जौंती गांव में बीते कल यानी की 21 फरवरी, 2024 के दिन सरसों की फसल (Crop of Mustard) पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष डॉ. डी.के. राणा ने उपस्थित किसानों का स्वागत करते हुए बताया दिल्ली क्षेत्र में सरसों का फसल मुख्य फसल है लेकिन वैज्ञानिक उत्पादन तकनीकी की कमी के कारण उत्पादकता काफी कम है.
इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विज्ञानं केंद्र, दिल्ली (Krishi Vigyan Kendra, Delhi) के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत दिल्ली देहात के विभिन्न गाँवो जैसे जौंती, ढांसा, जाफरपुर, उजवा, काजीपुर, ईसापुर एवं समसपुर आदि में किसानों के 125 प्रक्षेत्रों (50 हैक्टर) पर सरसो की उन्नत किस्म आर.एच.-725 के प्रदर्शन में लगाये गए. जिसमें किसानों को आर.एच.-725 किस्म का बीज, सल्फर, ट्राइकोडर्मा एवं कवकनाशियों का वितरण किया गया.
सरसों की आर.एच.-725 किस्म के बारे में विशेषज्ञों ने दी जानकारी
इसी क्रम में डॉ समरपाल सिंह, विशेषज्ञ (सस्य विज्ञान) ने बताया कि सरसों की आर.एच.-725 किस्म चैधरी चरण सिंह कृषि विश्वविधालय, हिसार, हरियाणा के द्वारा विकसित की गई है, जिसकी उत्पादकता 25.00 कुंतल प्रति हैक्टर एवं तेल की मात्रा 40-42 प्रतिशत है.
इस दौरान डॉ. सिंह ने किसानों को सरसों के प्रदर्शनों का भ्रमण करवाकर किस्म आर.एच.-725 के बारे में विस्तृत जानकारी दी. साथ ही किसानों ने पाया कि प्रदर्शन क्षेत्र में लगी आर.एच.-725 किस्म में फली एवं दानों कि संख्या एवं आकर अन्य लोकल प्रजाति की तुलना में अधिकतम है. डॉ. सिंह ने किसानों से आग्रह किया कि इस प्रदर्शित उन्नत किस्म के बीज का प्रयोग आगामी सरसों की फसल की बुवाई में भी करें एवं अपने साथी किसानों को भी वितरण करें.
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इसी क्रम में कैलाश (कृषि प्रसार विशेषज्ञ) ने कृषि विज्ञान केन्द्र, दिल्ली के द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न प्रशिक्षण जैसेः जैविक खेती, बकरी पालन, मशरुम उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट, आधुनिक डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन आदि के बारे के बारे में बताया. कार्यक्रम के क्रम में प्रगतिशील किसान कुलदीप, जय भगवान एवं विनोद एवं अन्य साथी किसानों ने प्रदर्शित फसल के बारे में अपने अनुभव साझा करते काफी खुशी व्यक्त की.
(डॉ. डी.के. राणा)
अध्यक्ष
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