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Ethanol Production in India: गन्ना किसानों को कहीं लगेगा झटका, तो कहीं मिलेगी खुशखबरी!

गन्ना किसानों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. ऐसे में इथेनॉल निर्माण के लिए अतिरिक्त चीनी स्टॉक को डायवर्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया है, क्योंकि WTO के तहत दिसंबर 2023 के बाद स्वीटनर के निर्यात पर सब्सिडी के प्रावधान की अनुमति नहीं होगी. वहीं सरकार चीनी मिलों को खुद के इथेनॉल पंप स्थापित करने की अनुमति दी है.

रुक्मणी चौरसिया
Ethanol Sugar Mills Latest News
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कृषि क्षेत्र में इथेनॉल (Ethanol) का इस्तेमाल कई कामों में किया जाता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल चीनी मिलों (Sugar Mills) में किया जाता है और इथेनॉल प्रोडक्शन (Ethanol Production) को लेकर निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. इसके चलते सरकार ने बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाया है.

इथेनॉल को बड़े पैमाने पर दिया जा रहा है बढ़ावा (Ethanol is being promoted in a big way)

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने हाल ही में इथेनॉल निर्माण के लिए अतिरिक्त चीनी स्टॉक को डायवर्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

क्यों उठाया जा रहा ये कदम (Why this step is being taken)

डब्ल्यूटीओ (WTO) के तहत दिसंबर 2023 के बाद स्वीटनर के निर्यात पर सब्सिडी (Subsidy on Export of Sweetener) के प्रावधान की अनुमति नहीं होगी. बता दें कि सरकार इथेनॉल निर्माण को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही है और साथ ही आश्वासन दे रही है कि वह देश में उत्पादित सभी इथेनॉल की खरीद करेगी.

खुद का इथेनॉल पंप करें स्थापित (Install your own ethanol pump)

गडकरी ने कहा, "यह हमारे दायरे में है कि हम पेट्रोल वाहनों के लिए अनिवार्य फ्लेक्स इंजन बनाने का निर्णय ले सकते हैं. इसलिए, इससे भारतीय बाजार में इथेनॉल की मांग बढ़ सकती है." और इसके चलते सरकार ने चीनी मिलों को खुद के इथेनॉल पंप स्थापित करने की अनुमति दी है.

2023 के बाद नहीं मिलेगी सब्सिडी (Subsidy will not be available after 2023)

गडकरी ने आगे कहा कि "सरकार चीनी मिलों को अधिशेष को समाप्त करने के लिए 3,000 से 6,000 करोड़ रुपये की निर्यात सब्सिडी प्रदान कर रही है लेकिन डब्ल्यूटीओ जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रति हमारी प्रतिबद्धताओं के कारण, दिसंबर 2023 के बाद इन सब्सिडी की अनुमति नहीं होगी".

इस समस्या के समाधान के रूप में, गडकरी ने सुझाव दिया कि "बी-हैवी मोलासेस" (B-Heavy Molasses) में 15-20 प्रतिशत चीनी मिलाकर चीनी स्टॉक को इथेनॉल उत्पादन की ओर मोड़ा जा सकता है". गडकरी ने आगे कहा कि "वर्तमान में इथेनॉल अर्थव्यवस्था 20,000 करोड़ रुपये है, जिसे मैं 2 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रहा हूं".

इथेनॉल प्रोडक्शन के अहम बिंदु (Key points of Ethanol Production)

  • इन सभी कदम से कई लाभ होने का अनुमान लगाया गया है.

  • सबसे पहले, यह लगभग 45 से 60 लाख मीट्रिक टन चीनी के अतिरिक्त स्टॉक का उपयोग करेगा

  • कच्चे माल की बेहतर गुणवत्ता के कारण इथेनॉल की वसूली में 30 प्रतिशत तक सुधार करेगा.

  • वैकल्पिक ईंधन को अपनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए जो आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी होगा.

वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 26 मिलियन टन की घरेलू खपत के मुकाबले देश का वार्षिक चीनी उत्पादन लगभग 32-33 मिलियन टन है. जिसके चलते 2022 तक पेट्रोल में ईंधन ग्रेड इथेनॉल के 10 प्रतिशत मिश्रण और 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

English Summary: Ethanol sugar mills soon will get a good and bad news Published on: 10 February 2022, 05:15 PM IST

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