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किसानों की आमदनी में होगी बढ़ोत्तरी, कृषि अनुसंधान का लाभ देश में छोटे-मझौले कृषक तक पहुंचेगा

17 जनवरी, 2024 को केंद्रीय मंत्री मुंडा ने दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर की विभिन्न सुविधाओं तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के कृषि प्रक्षेत्र का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान का लाभ देश में छोटे-मझौले किसानों तक पहुंचना चाहिए.

KJ Staff
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने किया पूसा में कृषि प्रक्षेत्र का अवलोकन
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने किया पूसा में कृषि प्रक्षेत्र का अवलोकन

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर की विभिन्न सुविधाओं तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के कृषि प्रक्षेत्र का बीते कल यानी 17 जनवरी, 2024 को अवलोकन किया. इस दौरान मुंडा ने कृषि एवं बागवानी की आधुनिक पद्धतियों की बारीकी से जानकारी लेते हुए अधिकारियों से कहा कि यहां हो रहे अनुसंधान कार्यों का लाभ देश के छोटे व मझौले किसानों तक पहुंचना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि इनके माध्यम से वे लाभान्वित होकर आमदनी बढ़ा सकें एवं उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सकें.

केंद्रीय मंत्री मुंडा के पूसा पहुंचने पर आईसीएआर के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक सहित अन्य अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों ने अगवानी की. सबसे पहले मुंडा ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर की विभिन्न सुविधाओं जैसे कि ऑडिटोरियम, प्रदर्शनी हॉल तथा विभिन्न सभा कक्षों का दौरा किया तथा उनके उपयोग के बारे में जानकारी ली.

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र का किया निरीक्षण

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर स्थित अंतरराष्ट्रीय अतिथि गृह का भी दौरा किया. इसके बाद उन्होंने पूसा के वृहद कृषि प्रक्षेत्र के विभिन्न प्रभागों का दौरा किया. मुंडा ने संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र का भी निरीक्षण किया, जिसकी स्थापना प्रदर्शन फार्म के रूप में वर्ष 1998-99 में की गई थी. इसे बाद में अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र (माशव) तथा सिनाडको के माध्यम से कृषि अनुसंधान व शिक्षा विभाग (डेयर) तथा आईसीएआर एवं इजराइल सरकार द्वारा संयुक्त रूप से इंडो-इजराइल परियोजना का रूप दिया गया. इस परियोजना का उद्देश्य उन्नत गुणवत्ता व उत्पादकता हेतु बागवानी फसलों की परि-नगरीय खेती की सघन व व्यावसायिक उन्मुख प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करना था. इजराइल सरकार के साथ सहयोग अवधि पूर्ण होने पर इस सुविधा को संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप स्थापित किया गया. मुंडा ने यहां सब्जियों और पुष्पीय फसलों के लिए जलवायु नियंत्रित व प्राकृतिक हवादार ग्रीनहाउस, नेटहाउस, नर्सरी सुविधाओं, खुले खेत, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, ड्रोन द्वारा छिड़काव आदि गतिविधियों का अवलोकन किया.

मुंडा ने पूसा संस्थान में स्थापित समन्वित कृषि प्रणाली की एक एवं ढाई एकड़ की दो यूनिट का भी अवलोकन किया, जहां पर मशरूम, संरक्षित खेती, मुर्गी एवं बतख पालन आदि के साथ ही बागवानी एवं फसलों के उत्पादन की जानकारी भी ली, जिनके द्वारा किस तरह से छोटे किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है, इस विषय पर मार्गदर्शन दिया. मुंडा ने सरसों व सब्जी अनुसंधान कार्यक्रम को भी देखा तथा विभिन्न उन्नत किस्मों के बारे में वैज्ञानिकों से जानकारी ली, वहीं तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी चर्चा की.

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जलवायु परिवर्तन के, भविष्य में भारतीय कृषि पर पड़ने वाले प्रभावों एवं उनसे किस तरह से फसलों को बचाया जाएं, इस संबंध में भी मुंडा ने वैज्ञानिकों से चर्चा करते हुए इस दिशा में पूसा परिसर में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.  

English Summary: benefits of agricultural research will reach small and medium farmers in the country Union Minister Munda Indian Council of Agricultural Research ICAR National Agricultural Science Complex Published on: 18 January 2024, 03:01 PM IST

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