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पंपिंग सेट डीजल से नहीं LPG से चलाएं, जानिए कैसे?

जब किसी व्यक्ति के सिर पर कोई बड़ी समस्या मंडराती है, तो हर समझदार व्यक्ति उसका उपाय खोज निकालता है. हमारा ये लेख इसी कहावत से जुड़ा हुआ है. दरअसल, कुछ लोगों ने देसी जुगाड़ साइंस से ऐसे आविष्कार कर दिखाए हैं कि उनके आगे बड़े से बड़े इंजीनियर भी फेल हो जाएं. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के अमरगढ़ में रहने वाले किसानों ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. यहां गांव के किसानों को बिजली की बहुत समस्या होती है. यहां अधिकतर किसान डीजल के इंजन पर निर्भर होकर खेती करते हैं, लेकिन आज के समय में डीजल इतना महंगा हो गया है कि कई किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कुछ किसानों ने अपने दिमाग से एलपीजी गैस (LPG Gas) की मदद से इंजन चलाने का तरीका खोज निकाला है.

कंचन मौर्य
Pumping set run from lpg
Pumping set run from LPG

जब किसी व्यक्ति के सिर पर कोई बड़ी समस्या मंडराती है, तो हर समझदार व्यक्ति उसका उपाय खोज निकालता है. हमारा ये लेख इसी कहावत से जुड़ा हुआ है. दरअसल, कुछ लोगों ने देसी जुगाड़ साइंस से ऐसे आविष्कार कर दिखाए हैं कि उनके आगे बड़े से बड़े इंजीनियर भी फेल हो जाएं. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के अमरगढ़ में रहने वाले किसानों ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है. यहां गांव के किसानों को बिजली की बहुत समस्या होती है. यहां अधिकतर किसान डीजल के इंजन पर निर्भर होकर खेती करते हैं, लेकिन आज के समय में डीजल इतना महंगा हो गया है कि कई किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में कुछ किसानों ने अपने दिमाग से एलपीजी गैस (LPG Gas) की मदद से इंजन चलाने का तरीका खोज निकाला है.

किसानों का कहना है कि अगर इंजन को डीजल से 1 घंटे चलाया जाए, तो लगभग 150 रुपए से ज्यादा का खर्चा आता है, लेकिन इंजन को एलपीजी गैस (LPG Gas) से चलाने में बहुत कम लागत लगती है.

क्या है नई तकनीक?

इस तकनीक में एलपीजी गैस (LPG Gas) द्वारा डीजल से चलने वाले पंपिंग सेट को आसानी से चलाया जा सकता है. जिस तरह एलपीजी गैस (LPG Gas) सिलेंडर में रेगुलेटर का उपयोग किया जाता है, वैसे ही गैस सिलेंडर में लगाकर पंपिंग सेट के स्लेटर में रेगुलेटर में लगे पाइप को लगाकर पंपिंग सेट चलाया जाता है.

तकनीक की खासियत

पंपिंग सेट से पानी निकलने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है.

इसको सिलेंडर और पंपिंग सेट, दोनों जगह से तेज-धीमा और बंद किया जा सकता है.

अगर पंपिंग सेट का डीजल खत्म हो जाए, तो पंपिंग सेट बंद नहीं होता है, क्योंकि यह गैस से चलता रहेगा.

इस तकनीक द्वारा आसानी से खेती का काम किया जा सकता है.

किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है ये तकनीक

आपको बता दें कि पंपिंग सेट में 1 लीटर प्रति घंटा की दर से डीजल की खपत होती है, जिसमें अच्छी खासी लागत लग जाती है. मगर इस तकनीक में लगभग 20 रुपए के खर्च के हिसाब से प्रति घंटा की दर से 27 से 30 रुपए का खर्च होता है. इसमें डीजल की खपत 100 ग्राम प्रति घंटा 7 रुपए कीमत और एलपीजी गैस की 300 से 400 ग्राम लगती है. इसका साफ मतलब है कि इस तकनीक का उपयोग करके लगभग 50 रुपए की बचत हो जाती है.

खास बात यह है कि एलपीजी गैस (LPG Gas) से चलाए जाने पर पंपिंग सेट धुंआ भी नहीं देता है इससे प्रदूषण का खतरा कम होता है. हर किसान को इसका उपयोग करना चाहिए. इससे देश का विकास अच्छी तरह हो पाएगा. इसके साथ ही डीजल के बढ़ते दामों की समस्या से छुटकारा मिलेगा.

English Summary: Run the pumping set with LPG Published on: 02 December 2020, 06:31 PM IST

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