1. Home
  2. कविता

स्वप्न सुंदरी

था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुंदर ही जिस जगह तुम निखर रही थी सांसों में थी तुम सुगंधित बाजुओं में बिखर रही थी बड़ी ही जालिम थी निगाहें

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार
Night Queen
Night Queen

था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुंदर

जिस जगह तुम निखर रही थी

सांसों में थी तुम सुगंधित

बाजुओं में बिखर रही थी

बड़ी ही जालिम थी निगाहें

चाबूक सी मुझ पर जो चल रही थी

कितना पावन था वो लम्हा, कितनी प्यारी सी जमीं थी

एक तरफ था संसार सारा, दूजी ओर तुम खड़ी थी

ज़रा सा हंस कर जो तुमको देखा, तेरे नैनों से अमृत झलक रही थी

था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुदंर, जिस जगह तुम निखर रही थी

उन्माद राग से थी तुम नहाई, अनुराग राग से था मैं रंगा

था मेरा मन जैसे बनारस, जहां से तुम बह रही थी गंगा

पतझड़ से मेरे इस जीवन में, बनकर बसंत तुम लहलहाई

था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुंदर, जिस जगह तुम निखर रही थी

English Summary: hindi poem on love Published on: 03 May 2019, 03:15 IST

Like this article?

Hey! I am सिप्पू कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News