गोबर का नाम सुनकर ही ज्यादातर लोग मुँह बना लेते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की ये बेकार दिखने वाली चीज हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी है. इसके कई औषधियां गुण भी हैं.
तो हम आपको गाय के गोबर (Cow Dung) के कई अनसुने -अनकहे गुणों के बारे में बताएंगे, तो आइये जानते हैं गोबर के फायदों (Cow Dung Benefits) के बारे में विस्तार से ...
गोबर के फायदें (Advantages of Cow Dung)
1) त्वचा संबंधी समस्या से बचाव (Prevention of skin problems)
अगर आपको त्वचा सम्बंधित समस्या या कोई रोग है, तो आप गोबर का लैप अपनी त्वचा पर 8 -10 मिनट तक लगाएं. हफ्ते में दो या तीन बार इसका प्रयोग लेप के रुप में करें. इससे आपको कुछ दिनों में ही आपको त्वचा संबंधी समस्या से निजात मिल जाएगी.
2) बुखार संबंधी समस्या से बचाव (Prevention of fever)
यह आपके लिए मलेरिया, डेंगू जैसे गंभीर रोग में भी काफी फायदेमंद है. इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको गाय के गोबर को सुखाकर उसकी गंध सूंघनी चाहिए. जिससे कुछ दिनों में ही आप इस बुखार से काफी हद तक ठीक हो जाएंगे और एक अलग तंदरुस्ती अपने अंदर महसूस करेंगे.
3) एड़ी दर्द से बचाव (Prevention of Heel pain)
जिन लोगों की एड़ियों में सूजन या फिर दर्द रहता है, वो लोग गाय के गोबर को अपनी एड़ियों पर लगाएं.
इस लेप को 10 -15 मिनट बाद धो लें. इसे हफ्ते में 2 से 3 बार करे. इससे आपको जल्दी राहत मिल जाएगी.
4) पेट के कीड़ों से बचाव (Protection against stomach worms)
अगर आपके पेट में कीड़े है, तो आप गोबर के उपलों को जला कर उसकी एक चम्मच राख को पानी में मिलाकर रोज़ाना शाम के समय सेवन करें. इससे आपको पेट के कीड़ों से राहत मिल जाएगी और आपका पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहेगा.
5) करंट से बचाव (Current protection)
अगर किसी को बिजली का झटका लग जाए तो व्यक्ति के उस भाग पर गाय का गोबर लगा दें. इससे उसे राहत मिलेगी और उसके शरीर पर कोई नुकसान भी नहीं होगा.
6) खुजली समस्या से बचाव (Prevention of Itching Problem)
अगर आपके शरीर पर बहुत ज्यादा खुजली हो रही है तो आप अपने शरीर पर गाय के गोबर से लेप करे और 10 मिनट बाद स्नान कर ले. इससे आपको काफी राहत मिलेगी और आपकी खुजली भी ठीक हो जाएगी.
जिन लोगों को सेहत संबंधित ज्यादा समस्या है तो वे इन उपायों को करने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह जरुर लें. ऐसी ही सेहत सम्बंधित अनसुनी जानकारियाँ पाने के लिए हमारी कृषि जागरण हिंदी वेबसाइट के साथ जुड़े रहें...
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