राज्य स्तर पर राज्य भूमि विकास बैंक होता है, जो राज्य के किसानों को उनके कृषि विकास के साथ ग्रामीण विकास की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राथमिक बैंकों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऋण एवं क्रेडिट निर्धारित ऋण नीति के अन्तर्गत मुहैया कराता है. इस भूमि विकास की स्थापना 26 मार्च 1957 को हुई थी. जिला स्तर पर प्राथमिक भूमि विकास बैंक कार्यरत है.
सिंचाई हेतु योजनाएं (Schemes for Irrigation)
केविटि पाइप बोरवैल योजना (Cavity Pipe Borewell Scheme)
किसानों को नवकूप डगवैल, डगकम बोर वैल, केविटी पाइपबोर वैल या नलकूप कूपगहरा एवं कुओं पर डीजल या विद्युत पम्प सैट हेतु ऋण उपलब्ध दिया जाता है.
नलकूप या बोरवैल मय पम्प सैट योजना (Tube well or Borewell Pump Set Scheme)
पर्याप्त भू-जल उपलब्धता के आधार पर नलकूप या बोर वैल मय सबमर्सीबल पम्प सैट के लिए ऋण उपलब्ध किया जाता है.
कूप गहरा योजना
जल उपलब्धता के आधार पर किसानों के कुओं की खुदाई एवं बोरिंग द्वारा कूप गहरा कराने के लिए 5 वर्ष की अवधि हेतु ऋण उपलब्ध है.
डीजल या विद्युत पम्प सैट योजना (Diesel or Electric Pump Set Scheme)
जल उपलब्धता के आधार पर किसानों को सिंचाई कार्य के लिए नलकूपों से जल दोहन हेतु डीजल या विद्युत पम्प सैट के लिए ऋण उपलब्ध है.
बून्द-बून्द सिंचाई योजना (Drip irrigation Scheme)
उद्यान विभाग द्वारा ड्रिप सैट पर अनुदान दिये जाने का भी प्रावधान आसान शर्तों पर ऋण 10 से 15 वर्ष के लिए दिया जाता है.
फव्वारा सिंचाई योजना (Sprinkler irrigation Scheme)
पानी की बचत और असमतल भूमि पर भी सिंचाई हेतु फव्वारासेट के लिए ऋण दिया जाता है.
डिग्गी सिंचाई योजना (Diggi Irrigation Scheme)
नहरी क्षेत्रों में अपर्याप्त एवं असामायिक विद्युत आपूर्ति का प्रामाणिक निराकरण, डिग्गी निर्माण से सिंचाई की सुनिश्चितता, आसान शर्तों पर ऋण 9 वर्ष के लिए उपलब्ध है.
पाईप लाईन योजना (Pipeline Scheme)
भू-जल को रोकने तथा इसका अधिकतम उपयोग करने के लिए पक्की नाली एच.डी.पी.ई. तथा पी.वी.सी. पाइप लाईन योजना के आधार पर ऋण 9 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है.
विद्युतीकरण योजना (Electrification Scheme)
डार्क जोन घोषित होने से पहले निर्मित नवकूप या डगकम बोर वेल या कैविटी पाईप बोरवेल या नलकूप पर विद्युत कनेक्शन लेने के लिए किसानों को ऋण की सुविधा 50000 रू. से 1 लाख तक 9 वर्ष की अवधि के लिए दी जाती है.
मुख्यमन्त्री जनजाति अनुसूचित या सहरिया क्षेत्र जलधारा योजना (CM Janjati Jaldhara Scheme)
इस योजनान्तर्गत सुरक्षित एवं अर्द्धसंवेदनशील क्षेत्रों के साथ-साथ डार्क जोन में आने वाले जनजाति क्षेत्र के सभी श्रेणी के काश्तकारों को लघु सिंचाई उद्धेश्यों हेतु राज्य के बांसवाड़ा, उदयपुर, डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, सिरोही एवं बांरा की 25 पंचायत समितियों के काश्तकारों को जल धारा योजनान्तर्गत ऋण सुविधा 9 से 15 वर्ष की अवधि हेतु उपलब्ध कराया जाता है.
डेयरी और पशुपालन संबन्धित योजनाएं (Dairy and Animal husbandry Schemes)
वेन्चर कैपिटल फंड योजना या पोल्ट्री पर योजना (Poultry Venture Capital Fund Scheme
राज्य में डेयरी या पोल्ट्री की चयनित गतिविधियों हेतु नाबार्ड द्वारा विशेष योजना प्रारम्भ की गई है.जिसमें निवेश की 50 प्रतिशत राशि पर ब्याज दर शून्य रहेगी नियमित भुगतान होने पर शेष राशि पर देय ब्याज की 50 प्रतिशत राशि किसान को लौटा दी जायेगी. ऋण की अवधि 3 से 8 वर्ष होगी.
मछलीपालन और सूअर पालन के लिए योजना (Scheme for Fisheries and Piggery)
मछली पालन उद्येश्य हेतु ऋण सुविधा 7 वर्ष की अवधि के लिये तथा सूअर पालन उद्देश्य हेतु ऋण सुविधा 5 वर्ष की अवधि के लिये उपलब्ध है.
भेड़ बकरी पालन (Sheep and Goat Farming)
भेड़, बकरी पालन और पशुओं की उत्पादकता सुधारनेके उद्देश्य से ऋण सुविधा प्रदान की जाती है. इसके साथ ही डेयरी उद्येश्य हेतु ऋण सुविधा 5 से 6 वर्ष की अवधि के लिये उपलब्ध है.
कृषि संबन्धित अन्य योजनायें (Other Agriculture Related Schemes)
कृषि प्रयोजनों हेतु कृषि भूमि खरीदने हेतु ऋण सुविधा (Loan facility for Purchase of Agricultural Land for Agricultural purposes:)
किसानों के कार्य कलापों के विस्तार एवं छोटी और सीमान्त जोतों को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने हेतु कृषि भूमि क्रय करने के लिए लधु और सीमान्त किसान के लिए यह लैंड परचेज स्कीम के तहत जमीन खरीदने के लिए SBI देता है लोन, जानिए कौन कर सकता है आवेदन जिनके पास इस योजना में खरीदे जाने वाली कृषि भूमि को मिलाकर कुल कृषि भूमि अधिकतम 5 एकड़ असीचिंत भूमि या ढाई एकड़ सीचिंत भूमि है, किसान को क्रय की जा रही भूमि की लागत का 20 प्रतिशत मूल्य स्वंयवहन करना होगा.
वर्मीकम्पोस्ट योजना (Vermicompost Scheme)
कृषि अवशेष या वानस्पतिक कचरे, गोबर आदि से खाद बनाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट संरचना निमार्ण हेतु 5 वर्षो के लिए ऋण उपलब्ध है.
मधुमक्खी पालन (Bee Keeping Scheme)
पुष्पीय या उद्यानिकी फसलों की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन हेतु ऋण उपलब्ध है, जिसमें न्यूनतम 10 मधुमक्खी पालन बक्सों हेतु ऋण या अधिकतम बीस लाख रूपये तक ऋण का प्रावधान किया गया है.
हरा चारा उत्पादन (Hydroponic - Fodder)
सिंचाई की सुनिश्चितता होने पर रिजका की खेती के लिए 10,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से ऋण दिया जाता है.
कृषि स्नातकों द्वारा कृषि क्लिनिक या कृषि उद्योग केन्द्र की स्थापना (Agri Clinic Centre Scheme): कृषि स्नातकों को अपने स्वंय के कृषि क्लिनिक एवं कृषि उद्योग खोलने के लिये ऋण सुविधा उपलब्ध है, कृषि स्नातकों को कृषि क्लिनिक खोलने के लिए कृषि भूमि या अचल सम्पति पर भी ऋण 5 वर्ष के लिए उपलब्ध है.
ग्रामीण गोदाम निर्माण या परिवर्तन विस्तारण योजना (Godam Nirman Yojana)
ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज या कृषि उत्पाद को खराब होने से बचाने एवं उसके समुचित रख रखाव व भण्डारण हेतु ऋण एवं अनुदान उपलब्ध है. गोदाम निर्माण योजना का कार्य 15 माह में पूर्ण होना आवश्यक है. गोदाम निर्माण नगरपालिका क्षेत्र के बाहर किया जायेगा.
भूमि सुधार योजना (Land Development Scheme)
किसान को अपने फार्म को खेती योग्य बनाने के लिए भूमि समतलीकरण, तारबन्दी, पक्की दीवार, क्षारीयता का उपचार, आदि के लिए भूमि सुधार योजना के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाता है.
मिट्टी या पानी जांच लैब स्थापना (Soil and Water Testing Lab)
किसानों की फसलोत्पादन बढ़ाने हेतु मिट्टी यापानी की जांच के आधार पर उर्वरकों का उपयोग करने के लिये मिट्टी और पानी जांच लैब स्थापना के लिए ऋण सुविधा का प्रावधान किया गया है जिसमें अधिकतम 5 लाख तक की ऋण सुविधा 8 वर्ष के लिये उपलब्ध है.
कृषि विपणन आधारिक सरंचना, श्रेणीकरण और मानकीकरण के विकास या शुद्धीकरण के लिए योजना (Agricultural Marketing Infrastructure Scheme)
फसल कटाई के बाद विभिन्न कृषि उत्पादों के प्रबन्धन के लिए यह योजना चलाई जा रही है. जिसमें विपणन आधारिक सरंचना के लोन दिया जाता है.
उद्यानिकी योजनाएं (Horticulture Scheme)
औषधीय पादप योजना (National Medicinal Plants Scheme)
राज्य के उपलब्ध प्राकृतिक सम्पदा को ध्यान में रखते हुये दीर्घकालीन औषधीय पादपों जैसे सफेद मूसली, गवार पाठा, आदि की खेती हेतु ऋण सुविधा 3 से 5 वर्ष के लिए दिया जाता है.
जैट्रोफा प्लांटेशन योजना (Jatropha Plantation Scheme)
जैट्रोफा अर्थात् रतनजोत एक बहुत ही बहुमूल्य पौधा है. इसके विभिन्न भाग सौन्दर्य प्रसाधन, रंगाई, मोमबत्ती, साबुन व प्लास्टिक निर्माण के काम आते है. प्रमुख रूप से इसके बीजों से तेल निकाला जाता है जो कि बायोडीजल के रूप मेन काम आता है.
कच्चा हौज सिंचाई योजना या पक्का फार्म पौण्ड निर्माण योजना (Irrigation Scheme Farm Construction Scheme)
विद्युत आपूर्ति में कमी से निजात और जल स्रोत का विवेकपूर्ण एवं सामयिक उपयोग करने के उद्देश्य से यह योजना चलाई गई है जिसमें पानी का हौज निर्माण करवाने हेतु ऋण उपलब्ध दिया जाता है.
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