Bhang Ki Kheti: देश के कई क्षेत्रों में आज भी किसान पारंपरिक तौर पर खेती कर रहे हैं. धान-गेहूं व फल-सब्जि की खेती से किसान कमाई तो कर लेते हैं, लेकिन उन्हें उचित मुनाफा नहीं मिल पाता. ऐसे में अगर किसान औषधीय फसलों की खेती करें,तो वे मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. इस खबर में हम आपको एक ऐसी ही औषधीय फसल के बारे में बताएंगे, जिसे किसान अपनी कमाई का साधन बना सकते हैं.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं कैनाबिस यानी भांग की. भारत के कई क्षेत्रों में भांग की खेती की जाती है, जिससे खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ताकत मिल रही है और किसानों को भी अच्छा लाभ हो रहा है. हालांकि, भारत में ये उतनी प्रमुखता से नहीं की जाती की मांग पूरी कर सके.
अरबों रुपये का है भांग का व्यापार
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भांग का बाजार अरबों रुपये का है. मौजूदा वक्त में भांग की मांग का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की कुछ यूरोपीय देश भारत से अवैध तरीके से भांग आयात करते हैं, जैसे इजरायल, इटली और हॉलैंड. ऐसे में भांग की ज्यादा डिमांड और कम सप्लाई के चलते इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. भारत में भांग व गांजा की खेती के लिए हर राज्य में अलग-अलग नियम है. इसकी खेती के लिए सबसे पहले आपको प्रशासन की अनुमति लेनी होगी. सरकार की तरफ से लाइसेंस मिलने के बाद ही किसान भांग की खेती कर सकते हैं.
कई राज्यों में वैध है भांग की खेती
पहले भारत के सभी राज्यों में भांग की खेती पर प्रतिबंध भी था. हाल के कुछ सालों में कई राज्यों में इसकी खेती को वैध किया गया है. हालांकि, इसका मतलब ये नहीं की आप कहीं भी इसकी खेती कर सकते हैं. इसके लिए आपको प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है. लाइसेंस को लेकर हर राज्य में अलग-अलग नियम लागू किए गए हैं. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि भांग की खेती शुरू करते समय स्थानीय समाचारों पर गौर करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि प्रशासन आए दिन इसको लेकर नियमों में बदलाव करता रहता है.
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यहां होती है बड़े पैमाने पर खेती
आपको बता दें कि किसानों को भारत में बड़े पैमाने पर भांग की खेती उत्तर प्रदेश (मुरादाबाद, मथुरा, आगरा, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, फैजाबाद और बहराइच), मध्य प्रदेश (नीमच, उज्जैन, मांडसौर, रतलाम और मंदल), राजस्थान (जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और जोधपुर), हरियाणा (रोहतक, हिसार, जींद, सिरसा और करनाल) और उत्तराखंड (देहरादून, नैनीताल, चमोली और पौड़ी) में होती है. इसके अलावा हिमाचल में भी भांग की खेती की जाती है.
कैसे मिलेगा लाइसेंस?
अगर आप भांग की खेती करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले एक लाइसेंस की जरुरत पड़ेगी. यह लाइसेंस आपको आयुष मंत्रालय से मिलेगा. आप अपने जिले के कृषि विभाग जाकर भी इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसमें सरकार भी मदद करती है. इसके लिए आपको कुछ दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ेगी- जैसे कि भूमि का प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, किसान पंजीकरण आदि. याद रहे की भांग की खेती के लिए हर राज्य मे अलग-अलग नियम है. ऐसे में आपके राज्य/क्षेत्र में भांग की खेती के लिए कौन-कौन से नियम हैं, पहले इसकी जानकारी प्राप्त करें. उसके बाद ही लाइसेंस की आगामी प्रक्रिया का पालन करें.
कौन खरीदेगा आपसे भांग
भारत में वैध तरीके से बिकने वाली भांग का बाजार लगभग 50 करोड़ का है. यहां लगभग 100 से ज्यादा ऐसे स्टार्टअप हैं जो भांग के पौधों के अलग अलग हिस्से से जुड़े उत्पादों पर काम कर रहे हैं. इन पौधों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल दवाई और पर्सनल केयर के प्रोडक्ट बनाने में होता है. अभी उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में किसान इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
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