भारतीय कृषि-इनपुट क्षेत्र की अग्रणी कंपनी धानुका एग्रीटेक ने ‘इंडिया का प्रणाम, हर किसान के नाम’ अभियान के तहत एक नई भावुक मिनी-फीचर फिल्म जारी की है. इस फिल्म में एक छोटे लड़के के नजरिए से भारत में खेती के भविष्य को दिखाया गया है, जो किसान बनने का सपना देखता है—एक ऐसा पेशा जो देश को पोषित करता है.
2022 में शुरू हुए इस अभियान का दूसरा चरण लोगों के बीच पहले से ही चर्चा का विषय बना हुआ था. टीज़र और सोशल मीडिया पर चर्चा ने फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ा दी थी, और फिल्म के रिलीज होते ही इसे खूब सराहा जा रहा है. फिल्म का सरल लेकिन गहरा संदेश है— भारत का भविष्य उसके किसानों के हाथों में है, और यह संदेश देशभर के दर्शकों के दिलों को छू रहा है.
इस प्रभावशाली अभियान के पीछे धानुका एग्रीटेक कंपनी है, जो पिछले 44 वर्षों से भारतीय किसानों का एक विश्वसनीय साथी रही है. धानुका एग्रीटेक के सीनियर डिप्टी जनरल मैनेजर, रत्नेश कुमार पाठक ने कहा, "हम इस फिल्म को प्रस्तुत करते हुए बेहद उत्साहित हैं. यह पहल हमारे उस मिशन का हिस्सा है जिसमें हम किसान समुदाय को ऊपर उठाना और उनका सम्मान करना चाहते हैं.
इस फिल्म के जरिए हम इस सोच को बदलना चाहते हैं कि पढ़े-लिखे और होनहार युवा खेती को एक पेशे के रूप में नहीं अपना सकते—जबकि खेती हमारे देश की रीढ़ है. खेती सिर्फ आजीविका नहीं है, यह एक विरासत है, और हम इसे सेलिब्रेट करना चाहते हैं. यह फिल्म हर किसान के प्रति हमारी गहरी कृतज्ञता का प्रतीक है, जो अपनी अटूट निष्ठा और अमूल्य योगदान के साथ देश की सेवा कर रहे हैं."
धानुका एग्रीटेक वर्षों से भारतीय किसानों के साथ खड़ा है, उनकी संघर्ष, सफलताओं और हर फसल के पीछे की अथक मेहनत को समझता है. यह फिल्म उन कोशिशों की सराहना करते हुए युवा पीढ़ी को गर्व के साथ खेती से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है. यह फिल्म एक आशा का संदेश देती है कि खेती की अहमियत हमेशा बनी रहेगी और यह भारत की आत्मा का हिस्सा है.
जैसे-जैसे यह फिल्म देशभर में घर-घर तक पहुंचेगी, यह धानुका के उस वादे को दोहराएगी कि वह लोगों का समर्थन करता है जो पूरे देश को भोजन प्रदान करते हैं. यह अभियान न केवल आज के किसानों का बल्कि भावी किसानों का भी उत्सव मनाता है, हमें यह याद दिलाते हुए कि खेती सिर्फ एक पेशा नहीं है—यह एक ऐसी विरासत है, जिसे संजोना और सहेजना जरूरी है.
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