भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का स्तर क्षमता के 70 प्रतिशत से नीचे चला गया है, जबकि 14 राज्यों में भंडारण इस सप्ताह सामान्य स्तर से नीचे हो गया है. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय जल आयोग के लाइव स्टोरेज पर साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार (9 नवंबर) तक प्रमुख जलाशयों में भंडारण 124.124 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) या 178.784 बीसीएम की लाइव क्षमता का 69 प्रतिशत था. यह स्तर पिछले साल के साथ-साथ पिछले 10 साल के औसत से भी कम है. पिछले सप्ताह भंडारण क्षमता का 71 फीसदी था.
अगस्त में -32 प्रतिशत कम बारिश और मॉनसून के बाद कम भंडारण स्तर में गिरावट का कारण है. मौसम विभाग के अनुसार, जिन 712 जिलों से डेटा प्राप्त हुआ है, उनमें से 64 फीसदी में बारिश नहीं हुई है या कम हुई है. वहीं, मॉनसून के बाद कम बारिश और जलाशयों में पानी का स्तर घटने से रबी फसलों, खासकर गेहूं, चावल, सरसों और चना के उत्पादन पर असर पड़ सकता है.
गुजरात राज्य, एक अपवाद
आंकड़ों से पता चला है कि जिन 14 राज्यों में जल स्तर सामान्य से नीचे है उनमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में भंडारण चिंता का विषय है. गुजरात एक ऐसा राज्य है जिसके पास पर्याप्त पानी है और भंडारण स्तर सामान्य से 31 प्रतिशत अधिक है. साथ ही, देश में 15 जलाशयों का स्तर सामान्य भंडारण के 50 प्रतिशत तक है, जबकि 105 में सामान्य भंडारण का 80 प्रतिशत या उससे अधिक है. दक्षिणी क्षेत्र में जल स्तर पिछले सप्ताह की तरह सामान्य से 45 प्रतिशत से नीचे 44 प्रतिशत पर बना हुआ है. क्षेत्र के 42 जलाशयों में से 12 में स्तर सामान्य भंडारण के 40 प्रतिशत से नीचे है, जबकि 8 क्षेत्रों में यह 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच है.
जलाशय का भंडारण स्तर
उत्तरी क्षेत्र में इस सप्ताह भंडारण में तेजी से गिरावट आई है. यह पिछले सप्ताह के 79 प्रतिशत के मुकाबले गिरकर 14.909 बीसीएम या क्षमता का 76 प्रतिशत रह गया. क्षेत्र के 10 जलाशयों में से कोई भी भरा नहीं है, लेकिन उत्साहजनक संकेत यह है कि किसी भी जलाशय का भंडारण स्तर 50 प्रतिशत से नीचे नहीं है.
जबकि पूर्वी क्षेत्र के 23 जलाशयों में जल स्तर घटकर 14.754 बीसीएम या क्षमता का 72 प्रतिशत हो गया, जो पिछले सप्ताह 73.82 प्रतिशत था. जहां एक में भंडारण सामान्य से 40 फीसदी से कम है, वहीं तीन अन्य में 50 फीसदी से कम है. इसके अलावा, 49 जलाशयों वाले पश्चिमी क्षेत्र में भंडारण 31.719 बीसीएम या क्षमता का 85 प्रतिशत था, जो पिछले सप्ताह की तुलना में एक प्रतिशत कम है. 33 जलाशयों में स्तर 80 प्रतिशत से ऊपर था और उनमें से चार क्षमता से भरे हुए थे. मध्य क्षेत्र के 26 जलाशयों में भंडारण घटकर 39.182 बीसीएम या क्षमता का 81 प्रतिशत रह गया. पिछले सप्ताह यह स्तर 82.18 फीसदी था. 11 का स्तर सामान्य से 40 फीसदी कम है, जबकि चार पानी से लबालब भरे हुए हैं.
मॉनसून पर अल नीनो का प्रभाव
इस वर्ष कम बारिश का एक कारण अल नीनो की उत्पति भी है, जिसके परिणामस्वरूप अगस्त में 1901 के बाद से सबसे कम बारिश हुई. अक्टूबर में 1901 के बाद छठी सबसे कम बारिश हुई. यूरोपीय मौसम एजेंसी कॉपरनिकस के मुताबिक, इस साल जनवरी-अक्टूबर रिकॉर्ड पर सबसे गर्म रहा है. अमेरिकी मौसम एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि सितंबर के अंत तक भारत का कम से कम 21 फीसदी हिस्सा सूखे की चपेट में था.
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