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बुजुर्ग दंपति ने गोबर-गौ मूत्र से जैविक खेती कर कमाया मुनाफा

आज के दौर में बढ़ते प्रदूषण और रसायनिक खाद के इस्तेमाल से फसलों में रोग लगने का खतरा काफी बढ़ रहा है. ऐसे में जैविक खाद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. जहां एक तरफ रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेतों की मिटटी की गुणवत्ता कम होती है, साथ ही ये सेहत के लिए भी बहुत हानिकारक होती है.

स्वाति राव
Organic Manure
Organic Manure

आज के दौर में बढ़ते प्रदूषण और रसायनिक खाद के इस्तेमाल से फसलों में रोग लगने का खतरा काफी बढ़ रहा है. ऐसे में जैविक खाद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.  जहां एक तरफ रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेतों की मिटटी की गुणवत्ता कम होती है, साथ ही ये सेहत के लिए भी बहुत हानिकारक होती है.

ऐसे में ज्यादातर किसान भाई अब जैविकं खाद की तरफ रुख कर रहे हैं. इसकी एक मिसाल बुजुर्ग किसान दंपति ने दी है, वह जैविक खाद का इस्तेमाल कर हर महीने लाखों रूपए कमा रहे हैं.

बता दें कि राजस्थान के भीलवारा के रहने वाले किसान सुरेन्द्र कुमार नागर और विमला देवी ने गौमूत्र और गाय के गोबर से बनी जैविक खाद से खेती कर रहे हैं.  इससे उनकी आमदनी (Profit) भी बढ़ रही है. उनका कहना है कि रासायनिक खाद से की गई पैदावार की अपेक्षा जैविक खाद से तैयार की गई फसल में अच्छी पैदावार मिलती है. इससे फसल की गुणवत्ता में भी इजाफा होता है.

खेत में लगाई केंचुआ खाद बनाने की यूनिट (Earthworm Composting Unit Installed in the Field)

बुजुर्ग दंपति ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से पीकेईवाई (PKEY Scheme) योजना में तीन साल पहले खेत पर केंचुआ खाद बनाने की यूनिट लगाई थी. किसान दंपति तीन साल से जैविक खाद का उपयोग कर रहे है. गेहूं , मेथी , मूंग , उड़द , तिलहन के साथ पपीता का भी उत्पादन किया जा रहा है. पपीता की स्वदेशी किस्म पूसा नन्हा की पौध खुद तैयार करके 300 पौधे लगाए गए हैं, जिनसे अब फल मिलने लगे हैं. इस पपीता को भीलवाड़ा, अजमेर और टोंक में सप्लाई किया जा रहा है.

इस खबर को भी पढें - तेलंगना के इस किसान ने ड्रीम सीडर से की धान की खेती, लोगों के लिए बन रहे प्रेरणा

मन में कैसे आया विचार (How Did The Idea Come To Mind)

किसान दंपति  का कहना है कि उन्होंने अपने खेत में रासायनिक खाद के दुष्परिणाम देखने को मिले. तब उन्होंने सबसे पहले एक बीघा जमीन में गौ मूत्र और गोबर से बनी जैविक खाद से आर्गेनिक खेती करने का मन बनाया. जहाँ उन्हें फसल में भी अच्छी पैदावर मिली और साथ ही और अच्छा मुनाफा भी कमाया. इतना ही नहीं, वर्तमान में किसान दंपति ने खेती के साथ-साथ विभिन्न नस्ल की करीब 12 गाय भी पाल रखी हैं. इनके गोबर एवं गौ मूत्र से खाद बनाकर वो ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं.

English Summary: Elderly couple got more profit by doing organic farming with cow dung and urine Published on: 29 December 2021, 12:50 PM IST

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