Lakhpati Didi Chanda Devi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के लिए पूरे देश में मशहूर हैं, लेकिन उन्हें भी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक महिला का भाषण इतना पसंद आया कि उसे चुनाव तक लड़ने का ऑफर दे दिया. दअसल, बीते दिनों पीएम मोदी वाराणसी दौरे पर थे. अपने दौरे के दौरान उन्होंने रामपुर गांव की रहने वाली चंदा देवी को चुनाव लड़ने का ऑफर दे डाला. हालांकि, चंदा देवी ने चुनाव लड़ने के प्रस्ताव से तुरंत इनकार कर दिया, लेकिन अब उनकी चर्चा पूरे देश में होने लगी है. आखिर कौन हैं ये चंदा देवी जिन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. चलिए हम आपको बताते हैं.
पीएम ने पूछा - क्या आप चुनाव लड़ेंगी?
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंदादेवी को चुनाव लड़ने का ऑफर दिया. दरअसल सेवापुरी गांव में चंदादेवी भाषण दे रही थीं. पीएम मोदी उनके भाषण से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने कहा, 'आप तो बहुत अच्छा भाषण देती हैं, क्या आपने कभी चुनाव लड़ा है?' इस पर चंदादेवी ने इनकार कर दिया. आगे पीएम मोदी ने पूछा, 'क्या चुनाव लड़ेंगी?' जवाब देते हुए चंदादेवी ने कहा, 'हमने कभी चुनाव लड़ने का नहीं सोचा है. हम आपसे ही प्रेरित होते हैं. आपके सामने खड़े होकर मैंने मंच पर दो शब्द कहे हैं, मेरे लिए यही गर्व की बात है.'
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
पीएम मोदी और चंदादेवी के बीच बातचीत का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है. चंदा देवी की उम्र महज 35 साल है. वह चंदादेवी 'लखपति दीदी' हैं. लखपति दीदी केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत सरकार की दो करोड़ महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है.
शादी के बाद छूट गई पढ़ाई
चंदादेवी ने बताया कि साल 2004 में इंटर की परीक्षा पास की थी. इसके तुरंत बाद अगले ही साल 2005 में लोकपति पटेल से उनकी शादी हो गई थी. शादी के बाद उनकी पढ़ाई छूट गई. अभी उनके दो बच्चे हैं. बड़ी बेटी प्रिया 14 साल की हैं और हिंदी मीडियम से प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करती है. छोटा बेटा 8 साल का अंश है जो अभी सरकारी स्कूल में पढ़ता है. चंदादेवी ने कहा कि वो तो ज्यादा नहीं पढ़ सकीं, लेकिन चाहती हैं कि उनके बच्चे अच्छे कॉलेज में खूब पढ़ाई करें.
बैंक सखी हैं चंदा देवी
उन्होंने बताया कि जब से 'राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन' के शुरुआत हुई, तब से ही उन्होंने अपने गांव में समूह अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था. पिछले महीने 19 महीने से वो बरकी गांव के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की 'बैंक सखी' हैं. चंदा देवी बताती हैं कि वो जरूरतमंदों को लोन दिलाने से लेकर गांव की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लगभग 80-90 बैंक खातों को देखती हैं.
क्यों चुनाव लड़ने से इनकार किया?
पीएम मोदी के चुनाव लड़ने के ऑफर को उन्होंने क्यों ठुकराया? इस बारे में उन्होंने बताया कि परिवार की इतनी जिम्मेदारियां है कि चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोच सकतीं. उन्होंने बताया कि उनकी सास की उम्र 70 साल है, जो अक्सर बीमार रहती हैं. दो बच्चे हैं. खेती-बाड़ी में भी हाथ बंटाना पड़ता है. इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकती. उन्होंने बताया कि परिवार से दूर होकर कोई काम करना संभव नहीं है.
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