देश के गरीब वर्ग के लोगों को केंद्र सरकार द्वारा चलायी गयी पीएम गरीब कल्याण योजना (PM Garib Kalyan Yojana) के तहत मुफ्त में राशन (Ration ) प्रदान किया जाता है. इस योजन के तहत राशन कार्ड की मदद से मजदूर मुफ्त में सरकार से राशन प्राप्त करते हैं, लेकिन सरकार द्वारा चलाया जा रहे इस अभियान का लाभ कुछ फर्जी लोग भी उठा रहे हैं. इसी फर्जीवाड़ा (Forgery ) को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं.
दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के सभी गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को राशन देने के लिए इस अभियान को संचालित किया था. केंद्र सरकार का कहना है कि जब पहले कांग्रेस सरकार थी, तब उनके कुछ दल ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ फर्जी गरीब लोगों के नांम जोड़े थे, जो राशन मुफ्त में पाना चाह रहे थे. ऐसे में सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गरीबों को दिए जाने वाला राशन को लुटने वाले 4 करोड़ फर्जी लोगों के नाम को लिस्ट से हटा दिया है.
इस बात का ऐलान केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश में आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में किया है, जो कि 5.21 लाख लाभार्थियों का ‘गृह-प्रवेश’ कराने के लिए आयोजित किया गया है.
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केंद्र सरकार का उद्देश (Government Objectives)
केंद्र सरकार का कहना हैं कि गरीब लोगों को मिलने वाले राशन की कमी न हो, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है. देश की जनता का एक – एक व्यक्ति हमारी जिम्मेदारी है. मध्य प्रदेश में आयोजित आवास योजना का चलने वाला डिजिटल कार्यक्रम में केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री शामिल थे.
इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार ने कांग्रेस एवं विपक्षी दलों की पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान पीडीएस में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जब इन लोगों की सरकार थी, तो इन्होंने गरीबों के राशन को लूटने के लिए अपने चार करोड़ फर्जी लोग कागजों में तैनात कर दिए थे. ऐसे नाम जो पैदा ही नहीं हुए. इन चार करोड़ फर्जी लोगों के नाम से राशन उठाया जाता था, बाजार में बेचा जाता था और उसके पैसे इन लोगों के काले खातों में पहुंचाया जाता था’’
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