MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra: दिल्ली के उजवा कृषि केंद्र से शुरू हुई कृषि जागरण की 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' आज यानी की 14 मार्च, 2024 गुरुवार के दिन मध्य प्रदेश के जिले ग्वालियर, ग्राम पनिहार में पहुंच चुकी है. बता दें कि कृषि जागरण की इस यात्रों को किसानों के द्वारा खुब सराहा जा रहा है. इस यात्रा के माध्यम से देश के किसानों को उनकी पहचान दिलाने और उन्हें सम्मानित करने के लिए शुरू की गई है. मध्य प्रदेश में 'एमएफओआई, वीवीआईएफ किसान भारत यात्रा' को STIHL India का सहयोग मिल रहा है. दरअसल, STIHL India भी अपने उत्पादों को किसानों के बीच पहुंचाने के लिए इस यात्रा में शामिल है.
MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra को मध्य प्रदेश के किसानों के द्वारा खुब सराहा जा रहा है. ऐसे में आइए इस यात्रा के बारे में विस्तार से जानते हैं...
किसानों को किया जा रहा जागरूक
MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra के माध्यम से प्रगतिशील किसानों को महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित प्रतिष्ठित 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के बारे में जागरूक किया जा रहा है. कृषि जागरण की टीम भारत के विभिन्न राज्यों के गांव-गांव में पहुंचकर किसानों को उनके द्वारा किए जा रहे कार्य को सम्मान दिलानी की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में कृषि जागरण की MFOI, VVIF Kisan Bharat Yatra का कारवां आज यानी की 14 मार्च, 2024 के दिन मध्य प्रदेश के ग्राम पनिहार, ग्वालियर पहुंचा. जहां उन्होंने किसानों से बात की और 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के बारे में बताया. इसके अलावा STIHL India ने भी किसानों को अपने उत्पादों को कृषि क्षेत्र में कैसे इस्तेमाल करें इसके बारे में बताया. इस दौरान यहां के किसान काफी खूश दिखाई दिए और साथ ही उन्हें कहा कि यह किसानों के लिए गर्व और सम्मान का पल है.
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MFOI Kisan Bharat Yatra क्या है?
'एमएफओआई किसान भारत यात्रा 2023-24' ग्रामीण परिदृश्य को बदल स्मार्ट गांवों के विचार की कल्पना करता है. एमएफओआई किसान भारत यात्रा का लक्ष्य दिसंबर 2023 से नवंबर 2024 तक देश भर की यात्रा करना है, जो 1 लाख से अधिक किसानों तक विस्तारित होगी. जिसमें 4 हजार से अधिक स्थानों का विशाल नेटवर्क शामिल होगा और साथ ही 26 हजार किलोमीटर से अधिक की उल्लेखनीय दूरी तय की जाएगी.
कृषि जागरण की इस पहल का मुख्य उद्देश्य कृषि समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाना है, ताकि किसानों की सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाया जा सके.
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