हरियाणा सरकार की ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसके तहत किसानों को फसल बीमा कवर की सुविधा प्रदान की जाती है. यानी अगर किसी किसान की फसल प्राकृतिक आपदाओं की वजह से खराब होती है, तो किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाता है. इसके साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जा सकता है. इसी कड़ी में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को एक जरूरी आदेश दिया है.
हरियाणा सरकार का आदेश
सीएम ने मेरी फसल, मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर प्राथमिकता आधार पर शत प्रतिशत जमीन का रजिस्ट्रेशन करवाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रत्येक एकड़ भूमि की मैपिंग (Land mapping) करवाई जाए. उन्होंने कहा है कि इस कार्य को पूरा करने के लिए कर्मचारियों का प्रशिक्षण जल्दी हो. इसके अलावा जीरो एरर एप्रोच के साथ खेतों का भौतिक सत्यापन का भी निर्देश दिया है.
खाली जमीन का भी होगा रजिस्ट्रेशन
मेरी फसल, मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर खेती योग्य भूमि का रजिस्ट्रेशन होगा ही, लेकिन इसके साथ-साथ खाली जमीन का रजिस्ट्रेशन भी होगा. ऐसा इसलिए, ताकि सरकार को जानकारी मिल सके कि राज्य के किस क्षेत्र में कौन-सी फसल की बुवाई कितने क्षेत्र में की गई और कितनी जमीन खाली पड़ी है. किसान इस तरह के आंकड़ों के आधार पर ही कृषि विभाग और बागवानी की योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे.
खेती के पूरे ब्यौरे का बनेगा अलग डैशबोर्ड
इतना ही नहीं, मेरी फसल, मेरा ब्यौरा (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर हर गांव में खेती के पूरे ब्यौरे का अलग डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा. इसके साथ ही दर्ज की गई जमीन का दैनिक डाटा गांव के लोगों के साथ साझा भी होगा.
जमीन की मैपिंग कार्य में लगे कर्मचारी
कृषि विभाग की मानें, तो जमीन की मैपिंग के कार्य पूरा करने के लिए कई विभागों के लगभग 6205 अधिकारियों व कर्मचारियों का चुनाव किया गया है. बता दें कि राज्य की एक-एक एकड़ भूमि की मैपिंग कृषि, पंचायत, बागवानी, सिंचाई और राज्य कृषि विपणन बोर्ड समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारी करेंगे.
87 हजार एकड़ पर वैकल्पिक फसल
राज्य सरकार ने इस साल लगभग 2 लाख एकड़ जमीन को धान मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है. अब तक इसमें से लगभग 87 हजार एकड़ भूमि पर धान की जगह अन्य फसलों की बुवाई की गई है. इन किसानों को 7 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके अलावा हरियाणा सरकार ने बाजरा की जगह अन्य फसलों की बुवाई के लिए एक विशेष प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत प्रति एकड़ 4 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.
उपयुक्त योजनाओं के जरिए किसान आर्थिक लाभ उठा सकते हैं, साथ ही राज्य में भूजल को सुरक्षित रख सकते हैं, क्योंकि राज्य सरकार का लक्ष्य भूजल की बचत करना है. इसकी अधिक जानकारी के लिए आप https://fasal.haryana.gov.in/ पर विजिट भी कर सकते हैं.
(खेती से जुड़ी अन्य सभी जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पढ़ते रहिए.)
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