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पशु चिकित्सा संघ के सम्मेलन में पशु चिकित्सा की चुनौतियों पर हुई चर्चा

भारतीय पशु चिकित्सा संघ ने नई दिल्ली के पूसा में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेन का आयोजन किया है. यह आयोजन पूसा के नास कॉम्पलेक्स के ए पी शिंदे सभागार में 26-27 जुलाई को आयोजित किया गया है. इस कांफ्रेस में देश के कृषि वैज्ञानिक, भारतीय चिकित्सा संघ के अधिकारी, विदेशों से आए हुए अतिथि आदि शामिल थे. इस दो दिवसीय कांफ्रेस में भारतीय चिकित्सा संघ के अधिकारी समेत अन्य वक्ताओं ने पशुपालन, डेयरी संबंधी विषयों पर अपनी जानकारी को रखा. इस दौरान कांफ्रेस में बताया गया कि किस प्रकार से पशुओं को विभिन्न तरह की कई समस्याएं, रोग और अन्य विकार हो जाते है और इससे संबंधी चिकित्सा क्षेत्र में किस तरह की व्यापक चुनौतियां आज मौजूद है. इस सम्मेलन में पशुओं की अलग-अलग प्रजातियों जैसे कि गाय, भैंस, आदि से संबंधित विषयों पर चर्चा आयोजित की गई है. कांफ्रेस में संघ के अध्यक्ष सी काडियन ने कहा कि इस सम्मेलन के पूरा हो जाने के बाद सभी सुझावों और विचारों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. साथ ही इसे सफल बानने के लिए किसान संघ का पूरी तरह से सहयोग लिया गया है.

किशन

भारतीय पशु चिकित्सा संघ ने नई दिल्ली के पूसा में दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेन का आयोजन किया है. यह आयोजन पूसा के नास कॉम्पलेक्स के ए पी शिंदे सभागार में 26-27 जुलाई को आयोजित किया गया है. इस कांफ्रेस में देश के कृषि वैज्ञानिक, भारतीय चिकित्सा संघ के अधिकारी, विदेशों से आए हुए अतिथि आदि शामिल थे. इस दो दिवसीय कांफ्रेस में भारतीय चिकित्सा संघ के अधिकारी समेत अन्य वक्ताओं ने पशुपालन, डेयरी संबंधी विषयों पर अपनी जानकारी को रखा. इस दौरान कांफ्रेस में बताया गया कि किस प्रकार से पशुओं को विभिन्न तरह की कई समस्याएं, रोग और अन्य विकार हो जाते है और इससे संबंधी चिकित्सा क्षेत्र में किस तरह की व्यापक चुनौतियां आज मौजूद है. इस सम्मेलन में पशुओं की अलग-अलग प्रजातियों जैसे कि गाय, भैंस, आदि से संबंधित विषयों पर चर्चा आयोजित की गई है. कांफ्रेस में संघ के अध्यक्ष सी काडियन ने कहा कि इस सम्मेलन के पूरा हो जाने के बाद सभी सुझावों और विचारों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. साथ ही इसे सफल बानने के लिए किसान संघ का पूरी तरह से सहयोग लिया गया है.

गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र के प्रोडक्ट

कांफ्रेस में नागपुर के गो विज्ञान अनुसंधान केंद्र से आए रोशन ने अपने विभिन्न प्रकार के उत्पादों को प्रदर्शित किया. उन्होंने इस प्रदर्शनी में गोमुत्र, गोदुग्ध, गोघृत, गोमूत्र आसव, कामधेनु तैल, धूपबत्ती समेत कई विभिन्न तरह के प्रोडक्ट को लगाया और वहां आ रहे लोगों को इसके संबंध में विभिन्न तरह की जानकारी उपलब्ध करवायी. इसके अलावा इन औषधि और दवाईयों से संबंधित कई तरह की पुस्तकों का भी प्रदर्शन किया जिसमें कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई थी.

वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना लक्ष्यः काडियन

यह भारतीय पशु चिकित्सा संघ की पहली इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेस है जिसे यहां पूसा में आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में कुल 27 पशु चिकित्सक संगठन आए हुए है जो कि अपने विचार-विमर्श को रख रहे है. इसके अलावा उतर पूर्व के राज्यों में राष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित किया था जिसमें आठ राज्यों के अधिकारी आदि शामिल थे. काडियन ने कहा कि इस तरह की कांफ्रेस का मुख्य उद्देश्य देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है. इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हर साल आयोजित हो इस पर प्रयास जारी है. अगली बार हम क्षेत्रीय स्तर पर जयपुर और लखनऊ में इस तरह का आयोजन करने जा रहे है.

English Summary: Discussion on the challenges of Indian veterinary therapy at the International Conference in Pusa Published on: 27 July 2019, 06:58 PM IST

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