बेहतर मानसून के बावजूद अगले महीने समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2016-17 में फसल बीमा दावों के 13,000 करोड़ रुपए होने की संभावना है जो दर्शाता है कि अन्य जोखिम कृषि क्षेत्र पर मानसून के अलावा दूसरे जोखिम भी बढ़े हैं।फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में शुरू समुन्नत फसल बीमा नीति ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) के लिए ज्यादा किसानों ने आवेदन किए। इस योजना में कम प्रीमियम, दावों के जल्द और पूर्ण भुगतान जैसी बेहतर बातें शामिल की गई हैं।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सूचीबद्ध 11 बीमा कंपनियों द्वारा करीब 15,891 करोड़ रुपए का प्रीमियम संग्रहित किया गया। इन बीमा कंपनियों ने फसल वर्ष 2016-17 के दौरान खरीफ (गर्मी) और रबी (जाड़ा) के दोनों ही सत्रों में किसानों को फसल बीमा योजना को बेचा था। वर्ष 2016-17 में संग्रह किए गए कुल प्रीमियम में किसानों का हिस्सा 2685 करोड़ रुपए का था।
फसल बीमा दावा बढ़कर होगा 13,000 करोड़ रुपए
बेहतर मानसून के बावजूद अगले महीने समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2016-17 में फसल बीमा दावों के 13,000 करोड़ रुपए होने की संभावना है जो दर्शाता है कि अन्य जोखिम कृषि क्षेत्र पर मानसून के अलावा दूसरे जोखिम भी बढ़े हैं।फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में शुरू समुन्नत फसल बीमा नीति ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पी.एम.एफ.बी.वाई.) के लिए ज्यादा किसानों ने आवेदन किए। इस योजना में कम प्रीमियम, दावों के जल्द और पूर्ण भुगतान जैसी बेहतर बातें शामिल की गई हैं।
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