किसानों और आम नागरिकों को बैंक से लोन लेने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी के मद्देनज़र सरकार एक योजना लाने जा रही है. जिसके तहत अगर कोई बैंक बिना किसी ठोस वजह के लोन देने से मना करता है उसके खिलाफ कार्यवाही होगी. दरअसल अगर कोई बैंक सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (MSME) के लिए बिना किसी ठोस वजह के लोन देने से मना करता है तो उसके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसके लिए वित्त मंत्रालय एक खास तरह का केंद्र बनाने जा रहा है, जहां ऐसी परिस्थित में कोई भी MSME ई-मेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इसके बाद इस शिकायत की एक कॉपी बैंक मैनेजर को भी भेजी जाएगी.
MSME के शिकायत के लिए जल्द बनाया जाएगा केंद्र
शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोई भी बैंक बिना किसी ठोस वजह से किसी भी व्यक्ति को MSME को लोन देने से नहीं मना कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इस विशेष केंद्र के बारे में जल्द ही ऐलान किया जाएगा. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर है. उन्होंने विश्वास जताया कि भारत एक बार फिर 8% वृद्धि दर पर वापस पहुंच जाएगा. केंद्र सरकार इसके लिए अनवरत प्रयासरत है.
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए अभियान (Campaign for Kisan Credit कार्ड)
गौरतलब है कि किसान क्रेडिट कार्ड के लिए बनाने के लिए सभी बैंक 8 से लेकर 24 फरवरी तक विशेष अभियान चलाने जा रहे हैं. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश में मौजूदा वक्त में 9,9600 किसान परिवार रजिस्टर्ड हैं. इसमें से मौजूदा वक्त में सिर्फ 3,68863 किसान ही किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card ) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बदलाव किया है. अब दूध उत्पादन के लिए गोवंश के पालन, मछली उत्पादन और सुअर पालन पर भी किसानों के 2 लाख रुपये तक के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे.
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