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बिरजू महाराज की नृत्य के अलावा इस काम में थी रूचि, पढ़िए पूरी खबर

महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का 83 वर्ष की आयु में 17 जनवरी, 2022 को निधन हो गया है. कथक वादक लखनऊ घराने के थे और घराने की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जाने जाते थे, जिसे उनके दादा ने स्थापित किया था. भारतीय कला में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था

रुक्मणी चौरसिया
Birju Maharaj (Kathak Dancer)
Birju Maharaj (Kathak Dancer)

महान कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज (The great Kathak dancer Pandit Birju Maharaj) का 83 वर्ष की आयु में 17 जनवरी, 2022 को निधन हो गया है. कथक वादक लखनऊ घराने के थे और घराने की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए जाने जाते थे, जिसे उनके दादा ने स्थापित किया था.

बिरजू महाराज ने फिल्म जगत में दिया बड़ा योगदान (Birju Maharaj made a big contribution to the film world)

महान कलाकार ने फिल्म उद्योग में भी काम किया, क्योंकि उन्होंने कुछ प्रतिष्ठित गीतों को कोरियोग्राफ किया था. भारतीय कला में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था. महान नर्तक की मृत्यु की पुष्टि उनके परिवार के सदस्यों ने सोशल मीडिया के माध्यम से की है. उनकी पोती रागिनी महाराज ने हाल ही में उनकी मृत्यु के कारण के बारे में खुलासा किया है.

पद्म विभूषण (Padma Vibhushan)

बिरजू महाराज ने उमराव जान, देवदास, बाजीराव मस्तानी और अन्य फिल्मों में कई प्रतिष्ठित गीतों को कोरियोग्राफ किया है. उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म शत्रुंज के खिलाड़ी में भी संगीत दिया था. 1983 में, Birju Maharaj को भारतीय कला में उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.

बिरजू महाराज का कैसे हुआ निधन (How did Birju Maharaj died)

रागिनी महाराज ने खुलासा किया कि "पिछले एक महीने से उनका इलाज चल रहा था. बीती रात करीब 12:15-12:30 बजे उन्हें अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई, हम उन्हें 10 मिनट के भीतर अस्पताल ले आए, लेकिन उनका निधन हो गया."

नृत्य से दूर बिरजू महाराज की अलग रुचि (Birju Maharaj's different interest away from dance)

रागिनी महाराज ने आगे अपने दादा और नृत्य के अलावा उनकी रुचियों के बारे में भी बात की थी. उन्होंने बताया कि "Birju Maharaj जी को गैजेट्स (Gadgets) से बेहद प्यार था. अगर वह डांसर नहीं होते, तो मैकेनिक (Mechanic) बन जाते". साथ ही रागिनी महाराज ने कहा, "मेरे दिमाग में उनकी छवि हमेशा मुस्कुराती रहेगी."

अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर रागिनी महाराज ने भी अपने प्यारे दादा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि "कृष्णा और शिव में भी होड़ हो जाएगी की बृजश्याम तो मेरे है." इसके अतिरिक्त बिरजू महाराज के प्रशंसकों ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है.

अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर महान कथक नर्तक Birju Maharaj के पोते स्वर्ण मिश्रा ने बिरजू महाराज की एक श्वेत-श्याम तस्वीर साझा की और उनकी आकस्मिक मृत्यु की सूचना देते हुए एक नोट लिखा. उन्होंने कहा कि "गंभीर दुख के साथ हम अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य, पं. बिरजू महाराज जी के दुखद और असामयिक निधन की सूचना देते हैं, महान आत्मा 17 जनवरी 2022 को अपने स्वर्गीय निवास के लिए रवाना हुई है, दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करें".

पीएम ने भी जताया शोक (PM also expressed grief)

इसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथक किंवदंती के परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त किया है. पीएम ने ट्विटर पर लिखा, “भारतीय नृत्य रूपों को दुनिया भर में विशेष पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से गहरा दुख हुआ, उनका जाना कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है, दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं."

English Summary: Apart from dance, Birju Maharaj was interested in this work. Published on: 17 January 2022, 11:41 AM IST

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