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10 Harvesting Crops Machines: भारत में खेती के लिए कई प्रकार के कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिनसे बुवाई से लेकर कटाई तक उपयोग किया जाता है. खेती के लिए जिन कृषि उपकरणों या यंत्रों की जरूरत होती है, इसकी जानकारी होना बेहद जरूरी है. जिससे किसान सही कृषि यंत्र को चुन सके और खेती के सभी कामों को आसान बना सकें.
कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपके लिए फसल की कटाई में उपयोग होने वाले 10 कृषि यंत्रों की जानकारी लेकर आए है.
सेल्फ प्रोपेल्ड वर्टिकल कन्वेयर रीपर
सेल्फ प्रोपेल्ड वर्टिकल कन्वेयर रीपर इंजन द्वारा संचालित है. इसे वॉक-बिहाइंड टाइप हार्वेस्टर के नाम से भी जाता है. यह हार्वेस्टर गेहूं, धान, और दूसरी तिलहन और दलहन जैसी फसलों की कटाई और बुआई के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है. इससे किसान मज़दूरी और कटाई के समय की बचत कर सकता है. भारत में सेल्फ प्रोपेल्ड वर्टिकल कन्वेयर रीपर की कीमत लगभग 80 हजार रुपये है.
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राइडिंग टाइप सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर
राइडिंग टाइप सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर एक मशीन है, जिसे चालक सीट पर बैठकर चलाया जाता है. इसमें 6 हॉर्स पावर/4.5 किलो वॉट का डीज़ल इंजन आता है. इस मशीन में आपको क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग और हाइड्रोलिक सिस्टम समेत कई सुविधाए मिल जाती है. इसमे फसल डिवाइडर, स्टार व्हील, बार, कनवेयर बेल्ट और वायर स्प्रिंग लगे हुए आते हैं. इस मशीन का उपयोग धान, गेहूं, सोयाबीन और अन्य अनाज एवं तिलहन जैसी फसलों की कटाई के लिए किया जाता है. भारत में राइडिंग टाइप सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर की कीमत लगभग 1.20 लाख रुपये हैं.
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ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर
ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर ट्रैक्टर के सामने लगा होता है, इसे ट्रैक्टर के पीटीओ पावर की मदद से चलाया जाता है. डायरेक्शन कंट्रोल जॉयस्टिक की मदद से रीपर को फसल की ऊंचाई के हिसाब से ऊपर-नीचे किया जा सकता है. बता दें, यह कन्वेयर रीपर 1.5 से 2 इंच की ऊंचाई से गेहूं, धान, तिल, सोयाबीन जैसी फ़सलों की कटाई आसानी से कर सकता है और फ़सल को सीधी लाइन में रखता है, जिससे इकट्ठा करने में कोई परेशानी किसान को नहीं होती है. भारत में ट्रैक्टर माउंटेड वर्टिकल कन्वेयर रीपर की कीमत लगभग 45 हजार रुपये हो सकती है.
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सेल्फ प्रोपेल्ड कंबाइन हार्वेस्टर
कंबाइन हार्वेस्टर एक कृषि मशीन है, इसका इस्तेमाल फसलों को काटने, अलग करने और साफ करने के लिए किया जाता है. यह कई खासियतों के साथ आता है, जिससे कृषि कार्यों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कंबाइन हार्वेस्टर की मदद से गेहूं, धान, चना, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी और मूंग की कटाई, कुटाई और सफाई का काम आसानी से किया जा सकता है. किसान इस मशीन के साथ मजदूरी और समय की बचत कर सकते हैं. भारत में सेल्फ प्रोपेल्ड कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत लगभग 14 से 16 लाख रुपये हो सकती है.
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मक्का हार्वेस्टिंग हेतु सेल्फ प्रोपेल्ड कंबाइन हार्वेस्टर
इस कंबाइन हार्वेस्टर मशीन को मकके की फसल काटने के लिए डिजाइन किया गया है. इस मशीन का हेडर अन्य कंबाइन हार्वेस्टर पर लगाया जा सकता है. बता दे, फसल को कटने के बाद इसे फीडर कनवेयर के माध्यम से सिलेंडर और कनकेव असेम्बली मे ले जाया जाता है. यहां पर फसल की थ्रेशिंग की जाती है, और दाने एवं भूसे को भिन्न भिन्न भागों मे एक दूसरे से अलग किया जाता है. बता दें, इस कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग मक्का फसल की कटाई और उसकी गहाई एंव सफाई के लिए किया जाता है. इसका हेडर बदलकर अनाज एवं अन्य फसल की कटाई भी की जा सकती है. भारत में मक्का हारवेस्टिंग कंबाइन हार्वेस्टर की कीमत लगभग 12 से 14 लाख रुपये हो सकती है.
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रीपर बाइंडर
रीपर बाइंडर मशीन फसल की कटाई के लिए उपयोग में ली जाती है. इसे 10.5 एचपी डीजल इंजन द्वारा चलाया जाता है. इस मशीन में 1.2 Meter चौड़ा कटर आता है. रीपर बाइंडर मशीन फसल की कटाई के साथ उनका बंडल भी बना सकती है. इस मसीन के साथ किसान खेत में 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई बेहद आसानी से कर सकते हैं और इस मशीन से भूसे का भी कोई नुकसान नहीं होता. आपतो बता दें, रीपर बाइंडर का उपयोग गेहूं के अलावा जौ, धान और जेई समेत कई अन्य फसलों की कटाई के लिए और उनका बंडल तैयार करने के लिए किया जाता है. भारत में रीपर बाइंडर की कीमत लगभग 2 लाख रुपये हो सकती है.
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शुगरकेन हार्वेस्टर
शुगरकेन हार्वेस्टर, कृषि यंत्रों में इस्तेमाल में लिए जाने वाली मुख्य मशीनों में से एक है. यह मशीन गन्ने को टुकड़ों मे न काटकर उसका सम्पूर्ण स्थिति मे हार्वेस्ट करती है. इस मसीन के साथ आप एक समय मे गन्ने की एक दो पंक्तिया काट सकते है. इस मसीन में गन्ने की फसल डिवाइडर के बीच धकेली जाती है, बेस कटर ब्लेड द्वारा जड़ो की नजदीक से काटा जाता है और साथ ही ऊपरी हिस्से को भी मशीन काट देती है. इसके बाद मशीन गन्ने को रोलर ट्रेन मे धकेल देती है, जहा चाफर ड्रम की मदद से उसके 24.5cm से 30cm के छोटे छोटे टुकड़े किए जाते है. बता दें, इन टुकड़ो को इलेवेटर में भेजने से पहले प्राइमरी एक्सट्रेक्टर मे साफ किया जाता है. इस मशीन के साथ किसान एक दिन मे लगभग 400 टन तक गन्ने की कटाई आसानी से कर सकते हैं. भारत में शुगरकेन हार्वेस्टर की कीमत लगभग 90 से 95 लाख रुपये हो सकती है.
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कॉटन पिकर
कॉटन पिकर मशीन को स्पिंडल टाइप हार्वेस्टर के नाम से भी जाना जाता है. यह मशीन कपास को खुले हुये खोल मे से निकालकर खोल को पौधे पर ही छोड़ देती है. कॉटन पिकर का स्पिंडल अपने अक्ष पर तेज गति से घूमती जो एक घूमने वाले ड्रम पर लगी होती है और स्पिण्डल कपास के खोल मे घुस जाती है. इसके बाद कपास के शुक्ष्म धागे नमीयुक्त स्पिंडल के चारो ओर लपेटे जाते हैं. इसके बाद डॉफर की मदद से इसे निकला जाता है और कपास को मशीन के ऊपर लगी बड़ी बास्केट मे डाल दिया जाता है. भारत में कॉटन पिकर की कीमत लगभग 50 लाख रुपये है.
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स्ट्रॉ बेलर
स्ट्रॉ बेलर, इसे भारत में हाय बेलर मशीन के नाम से भी जाना जाता है. इसका उपयोग सूखी और हरी घास, पुआल, गेहूं के डंठल, मकई के डंठल, गेहूं/चावल के भूसे, घास, मकई के भूसे और चारा पुआल की गठरी आदि को इकट्ठा करने के लिए किया जाता है. बता दें, यह बेलर मशीन पराली को खेतों से इकट्ठा कर के छोटे छोटे गट्ठर बना देती है. इसके द्वारा बनाया गया बंडल आसानी से पूरी तरह से खोला जा सकता है. पराली को बंडल के रूप में रखा जाता है, इसलिए कम जगह में ज्यादा पुआल को रखा जा सकता है. भारत में स्ट्रॉ बेलर की कीमत लगभग 7 लाख रुपये हो सकती है.
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पोटैटो हार्वेस्टर
पोटैटो हार्वेस्टर (आलू खोदने वाला यंत्र) इसे ट्रैक्टर की पीटीओ पावर द्वारा चलाया जाता है. पोटैटो हार्वेस्टर में एक वर्धमान/उत्तल त्रिकोणीय आकार की काटने वाली ब्लेड होती है, जो आम तौर पर लोहे से बनी होती है. इसकी ब्लेड आलू की खुदाई में मदद करती है और आलू को हिलते हुए कन्वेयर बेल्ट तक ले जाती है और आलू मशीन के पीछे एक कतार में गिरते है. इसके बाद मजदूर इन आलू को लेबर की सहायता से एकत्रित किया जाता है. इसकी कनवेयर बेल्ट आलू से चिपकी मिट्टी को हटाने में मदद करती है. आपको बता दें, इस मशीन का उपयोग प्याज कटाई के लिए भी किया जा सकता है. भारत में पोटैटो हार्वेस्टर की कीमत लगभग 80 हजार रुपये हो सकती है.
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