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फूलों की खेती से रौशन हो रही कश्मीर की कृषि

एक ओर कश्मीर जन्नत कहलाता है तो वहीं कईं वर्षों से कश्मीर आतंक और दहशत के साये में जीता रहा है. लेकिन, बीते कुछ वर्षों से कश्मीर पूरी तरह बदल गया है, क्योंकि वहां के लोग अब यह समझ चुके हैं कि यदि उन्नति करनी है तो माहौल बदलना होगा और इसके लिए कृषि क्षेत्र से पहल हुई है. संपूर्ण भारत में जम्मू कश्मीर से बेहतर और सुंदर स्थान कोई दूसरा नहीं है - हर तरफ से पहाड़ों से ढ़का हुआ, हिम, नदी, पर्वत,धूप, झरने अर्थात कृषि युक्त अनुकूल वातावरण .

फूलों की खेती से रौशन हो रही कश्मीर की कृषि

एक ओर कश्मीर जन्नत कहलाता है तो वहीं कईं वर्षों से कश्मीर आतंक और दहशत के साये में जीता रहा है. लेकिन, बीते कुछ वर्षों से कश्मीर पूरी तरह बदल गया है, क्योंकि वहां के लोग अब यह समझ चुके हैं कि यदि उन्नति करनी है तो माहौल बदलना होगा और इसके लिए कृषि क्षेत्र से पहल हुई है.  संपूर्ण भारत में जम्मू कश्मीर से बेहतर और सुंदर स्थान कोई दूसरा नहीं है - हर तरफ से पहाड़ों से ढ़का हुआ, हिम, नदी, पर्वत,धूप, झरने अर्थात कृषि युक्त अनुकूल वातावरण .

कश्मीर की कृषि में फूलों का अहम स्थान है, जो फूल कश्मीर में है वो कहीं नहीं इसीलिए कश्मीर के फूलों की मांग भी सबसे अधिक है चाहे वो ट्यूलिप  हो, गुलाब हो या कोई और कश्मीर के फूल इस मामले में अपनी अलग पहचान रखते हैं.

शायद इसीलिए कश्मीर के किसानों के साथ- साथ वहां रह रहे लोगों और युवाओं ने भी रोज़गार के लिए अब कहीं और न जाकर कश्मीर में ही रोज़गार ढूंढ निकला है और वह है फूलों की खेती. अच्छी बात यह है कि कश्मीर के फूलों का हमेशा से लोगों के बीच आकर्षण रहा है और यहां के फूल आमदनी के लिहाज़ से भी बेहतर हैं, जैसे टयूलिप का फूल जो कि 50 से 70 और 100 रुपये तक की कीमत में बिक जाता है. यह फूल की किस्मों पर निर्भर करता है .

अब बेरोज़गार युवा फूलों की खेती से एक बेहतर आमदनी प्राप्त करके एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं. कश्मीर में पिछले कईं वर्षों से फूलों के व्यापार में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिला है. इसका कारण है फूलों का प्रयोग अब अमूमन हर स्थान पर हो रहा है, और वह भी काफी अधिक मात्रा में, चाहे वह त्योहार हो, शादी हो या फिर राजनैतिक रैलियां फूलों का उपयोग हर जगह महत्वपूर्ण हो गया है, और यह अच्छी बात है कि कश्मीर के फूलों का अब एक बड़ा बाजार बन गया है .

कई बड़ी-बड़ी कंपनियों ने कश्मीर के फूल उघोग पर अपनी रुचि दिखाई है और उनकी मदद से यहां फूलों के उत्पादन से लेकर बिक्री तक सब कुछ बड़े और सुगम पैमाने पर हो रहा है . राज्य का बागबानी विभाग भी लोगों को फूलों की खेती में नईं तकनीकों से अवगत कराने और प्रशिक्षण देने के लिए बड़े पैमाने पर पहल कर रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग कृषि से जुड़ें और राज्य का राजस्व भी बढ़ सके .

 

गिरीश पांडे, कृषि जागरण

English Summary: Kashmir farming is getting brighter by the cultivation of flowers Published on: 20 October 2018, 02:03 IST

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