1. Home
  2. बागवानी

सेब उत्पादन लाएगा पहाड़ों में खुशहाली

उत्तराखंड के रानीखेत में कश्तकारों को कृषि और उद्यान से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए यहां के उद्यान भवन में चल रहे प्रशिक्षण में बागवानों को सेब के विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. दरअसल वैज्ञानिकों का मानना है कि सेब की खेती होने से पर्वतीय क्षेत्रों में काफी ज्यादा खुशहाली आएगी. उन्होंने किसानों से प्रशिक्षण में मिल ज्ञान व तकनीक से उन्नत खेती व उद्यान को विकसित करने में इस्तेमाल करने का आह्वान किया है.

नई दिल्ली। उत्तराखंड के रानीखेत में कश्तकारों को कृषि और उद्यान से  जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए यहां के उद्यान भवन में चल रहे प्रशिक्षण में बागवानों को सेब के विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है. दरअसल वैज्ञानिकों का मानना है कि सेब की खेती होने से पर्वतीय क्षेत्रों में काफी ज्यादा खुशहाली आएगी. उन्होंने किसानों से प्रशिक्षण में मिल ज्ञान व तकनीक से उन्नत खेती व उद्यान को विकसित करने में इस्तेमाल करने का आह्वान किया है.  उद्यान भवन में कुमाऊं मंडल के छह जिलों से पहुंचे करीब 60 काश्तकारों को प्रशिक्षण के दूसरे दिन फल पौध लगाने की तकनीक की जानकारी दी गई. उद्यान अधीक्षक चंदन राम ने काश्तकारों से सेब की व्यवसायिक खेती करने का आह्वान किया. उन्होंने बताया कि  पर्वतीय क्षेत्रों में सुपर चीफ, अर्ली रेड,-1, ग्रे-1, हंपायर, युवासनी, जीरो माइन, रेड विलोक्क्ष, ग्रेनी, स्मिथ और सुपरचीफ आदि प्रजातियों के उत्पादन के लिए जलवायु काफी ज्यादा प्रतिकूल है.

वहीं अवकाश प्राप्त किए गए निदेशक डॉ बीएस राणा ने पेड़ लगाने की तकनीक की जानकारी को प्रदान किया है. उन्होंने बताया कि इनकी सही देखरेख करने व पालन करने से पौधे दो वर्ष के भीतर फल को देना आंरभ कर देते हैं. जब यह फल अपनी व्यस्क अवस्था में पहुंच जाते हैं तो 30 से 40 किलों तक का फलों का उत्पादन होता है. एक तरफ जहां काश्तकारों को खेती व उद्यान से जोड़ा जाएगा वहीं आर्थिक रुप से  मजबूती भी  प्रदान की जाएगी. इसके अलावा अवकाश प्राप्त सहायक निदेशक डॉ. जेसी पांडे, सीबी पांडे व सीसी पंत ने भी फल पौध लगाने व देखरेख की विस्तृत जानकारी दी. प्रशिक्षण में अल्मोड़ा, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों के करीब 60 प्रगतिशील काश्तकार भाग ले रहे हैं.

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: Apples will bring joy to the hills Published on: 16 October 2018, 11:06 IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News