ग्रामीण क्षेत्रों में पोल्ट्री फार्मिंग यानी की मुर्गी पालन का व्यवसाय इन दिनों बेहद लोकप्रिय हो गया है. कम लागत, कम जगह और बेहतरीन मुनाफा इसके कारण हैं.
केंद्र से लेकर राज्य सरकारें भी किसानों और आम लोगों को पोल्ट्री फार्मिंग बिजनेस को शुरू करने के लिए जागरूक कर रही हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी भी दी जाती है. यही कारण है कि इन दिनों दूरदराज के गार्मीण इलाकों में भी बढ़िया मुनाफे के लिए किसान खेती-बाड़ी के अलावा मुर्गी फार्मिंग का बिजनेस शुरू करने लगे हैं.
हालांकि कई बार किसान अपनी मुर्गी फार्म के लिए मुर्गियों की सही किस्मों का चुनाव नहीं कर पाते है और इसमें चूक जाते हैं, जिससे उन्हें कई बार नुकसान का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि आप पोल्ट्री फार्म शुरू करने से पहले सही मुर्गियों की किस्मों का चुनाव करें और सही प्लानिंग करें. ऐसे में चलिए इस लेख में जानते हैं पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करने के लिए मुर्गी की किन किस्मों का चयन करना उचित हो सकता है.
प्रतापधानी
इन किस्मों की मुर्गियां भूरे रंग के अंडे देती हैं, जिसके प्रत्येक अंडे का वजन 50 ग्राम होता है. ये सालभर में 150 से 160 अंडे देती हैं.
ब्रायलर मुर्गियां
ब्रायलर मुर्गियों का विकास इतनी तेजी से होता है कि इन किस्मों की मुर्गियां 8 सप्ताह में पूरी तरह से विकसित हो जाती हैं. इन मुर्गियों में मांस भी अधिक मात्रा में पाया जाता है.
उपकारिक मुर्गी
इन किस्मों की मुर्गियों का वजन 1.2 से लेकर 1.6 किलो तक होता है. इन किस्म की प्रत्येक मुर्गी में सालाना 160 से 180 अंडे देने की क्षमता होती है. यही नहीं इस किस्म की कुछ प्रजातियां में सालाना 298 अंडे देने की क्षमता होती है.
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लेयर मुर्गियां
लेयर किस्म की मुर्गियां 18 से 19 सप्ताह से अंडे देने के लिए तैयार हो जाती हैं और ये 72 से 78 सप्ताह तक अंडे दे सकती हैं. इस किस्म की मुर्गियों में सालाना 250 से अधिक अंडे देने की क्षमता होती है.
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