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गाय की इन नस्लों से बंपर दूध उत्पादन के साथ मिलेगा अच्छा मुनाफा

दुग्ध व्यव्साय के रूप में आज ऐसे दुधारू पशुओं की मांग होने लगी है जिन्हें पालने का खर्चा कम और मुनाफा अधिक हो. ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि बढ़ती हुई महंगाई में अधिक दूध उत्पादन के लिए पशुपालक गलत तरीको का सहारा लेने लगे हैं जिससे ना सिर्फ लोगों की बल्कि पशुओं की सेहत भी खराब हो रही है. लेकिन अगर हम आपको बताएं कि दुग्ध व्यवसाय के लिए आप कुछ ऐसे गायों का चयन कर सकते हैं जिसे पालने का खर्च कम और मुनाफा अधिक है तो? जी हां, आज हम भारत में पाई जाने वाली कुछ ऐसी ही गायों के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार

दुग्ध व्यव्साय के रूप में आज ऐसे दुधारू पशुओं की मांग होने लगी है जिन्हें पालने का खर्चा कम और मुनाफा अधिक हो. ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि बढ़ती हुई महंगाई में अधिक दूध उत्पादन के लिए पशुपालक गलत तरीको का सहारा लेने लगे हैं जिससे ना सिर्फ लोगों की बल्कि पशुओं की सेहत भी खराब हो रही है. लेकिन अगर हम आपको बताएं कि दुग्ध व्यवसाय के लिए आप कुछ ऐसे गायों का चयन कर सकते हैं जिसे पालने का खर्च कम और मुनाफा अधिक है तो? जी हां, आज हम भारत में पाई जाने वाली कुछ ऐसी ही गायों के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.

दूध व्यवसाय में गाय क्यों है पहली पसंद

दूध व्यवसाय में पशुओं की मांग में सबसे अधिक लोकप्रिय गाय हैं. भारत में इनकी कुछ नस्ले तो 50 से 80 लीटर या उससे भी ज्यादा दूध देने में सक्षम है. वहीं दूसरी तरफ अन्य जानवरों के मुकाबले गाय का दूध अधिक सेहतमंद एवं पौष्टिक माना गया है. आइये जानते हैं ऐसी कुछ गायों के बारे मेः

गुजरात की शान गिर गाय

भारत की सबसे ज्यादा दुधारू गायों में से एक गुजरात की गीर गाय को पशुपालक मुनाफे की दृष्टि से देखते हैं. यह एक दिन में 50 से 80 लीटर तक दूध देती है। इसके विशाल थनों से ही इसकी पहचान उजागर हो जाती है. इसके थन इतने बड़े होते हैं कि इसे एक साथ चार लोग मिलकर दुह सकते हैं.

सहिवाल गाय

सहिवाल गाय साल में 2000 से 3500 लीटर तक दूध देने में सक्षम है. मां बनने के बाद इनकी दूध देने की शक्ति करीब-करीब 10 महीनों तक रहती है. इनके निवास स्थान की बात करे तो ये हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में पाई जाती है.

लाल सिंधीः

अधिक दूध देने के लिए हमेशा से सिंध की लाल गाय पशुपालकों को प्रिय रही है. इसका रंग लाल होता और मूल निवास स्थान सिंध होने के कारण इसे लाल सिंधी कहा जाता है. आज के समय में ये पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल आदि राज्यों में पाई जाती है.

राजस्थान की रानी राठी गायः

राजस्थान की राठी गाय 6 से 8 लीटर तक दूध आराम से दे सकती है. इसका दूध बहुत लाभकारी माना जाता है. आज के समय में ये गुजरात के क्षेत्रों में भी पाई जाती है. उचित देखभाल की जाए तो ये 15 लीटर तक दूध दे सकती है.

English Summary: these cows of India are very beneficiary for the production of milk know more about it Published on: 30 December 2019, 01:02 IST

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