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पशुपालन: अब पशु भी खाएंगे चॉकलेट और देंगे ज़्यादा दूध

किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है. वह अपने खेत में कई तरह की रासायनिक खादें, कीटनाशक आदि का उपयोग करता है जिससे उसे फसल से ज्यादा पैदावार मिल सके, लेकिन इससे खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति खत्म होने लगती है. ऐसे में किसानों को हरी खाद का उपयोग करना चाहिए. इससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा, साथ ही मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है.

मनीशा शर्मा
मनीशा शर्मा

आज के समय में बच्चों से लेकर बड़े तक चॉकलेट (chocolate) खाने के शौकीन हैं. वहीं पशुओं के लिए भी एक खास तरह की चॉकलेट लाई गई है. हाल ही में यूरिया मोलासिस मिनिरल ब्लॉक (molasses mineral block) नाम से एक चॉकलेट बनाई गई है जोकि पशुपालकों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. आईवीआरआई के मुताबिक इस पूरी तकनीक को विकसित करने में संस्था के वैज्ञानिकों को 4 साल का समय लगा.

Molasses mineral block chocolate के सेवन से पशुओं में कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं जो उनके सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं. इसमें भरपूर मात्रा में न्यूट्रीशियन तत्व पाया जाता है.

किसान भी बना सकते हैं चॉकलेट

पशुओं की इस खास चॉकलेट को बनाने के लिए एक मशीन भी बनाई गई है. चॉकलेट बनाने के लिए आईवीआरआई (IVRI ) ट्रेनिंग भी दे रहा है. इससे पशुपालक घर बैठे रोजगार भी पा सकते हैं. अगर किसान भी इस चॉकलेट को बनाना चाहते हैं तो वे सीतापुर जिले के कृषि विज्ञान केंद्र-2 में संपर्क कर इसकी पूरी जानकारी और विधि प्राप्त कर सकते हैं.

पशुओं के लिए इस तरह से फायदेमंद है चॉकलेट

पशुओं को इस चॉकलेट को खिलाने से वे जल्दी बीमार नहीं होंगे. ज्यादातर पशुओं में दीवार और ईंट चाटने की आदत होती है जिस कारण हानिकारक रसायन उनके पेट में चले जाते हैं और वे बीमार हो जाते हैं. अब वे इस चॉकलेट को चाट सकते हैं जो उनके लिए सेहतमंद है. इसके इस्तेमाल से हरे चारे की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा और दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी. इसके सेवन से पशुओं का पाचन तंत्र मज़बूत होता है. संस्था के वैज्ञानिकों का दावा है कि इस Molasses mineral block चॉकलेट और इससे तैयार किए गए लड्डुओं को खिलाने से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में 500 एमएल से 1 लीटर तक वृद्धि आएगी, बशर्तें पशुओं को उनकी नस्ल और उत्पादन क्षमता के अनुसार ही उचित मात्रा में चॉलकेट और लड्डू खिलाए जाएं.

ये है चॉकलेट कीमत

किसान इस चॉकलेट को केवल 20 रुपए किलो की कीमत में खराद सकते हैं. इसके साथ ही इन्हें बनाने के बाद 1 वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

चॉकलेट बनाने की सामग्री

इस चॉकलेट को बनाने में गेहूं या चावल का चोकर, खल (सरसों या ज्वार), यूरिया, खनिज लवण जैसे- कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर और फास्फोरस का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसमें नमक का भी इस्तेमाल किया जाता है जिसका एक वयस्क पशु प्रतिदिन 500 से 600 ग्राम तक सेवन कर सकता है. जुगाली करने वाले पशुओं के लिए यह चॉकलेट काफी फायदेमंद है.

English Summary: molasses mineral block chocolates for animals for better milk production Published on: 01 January 2020, 05:58 IST

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