दूध देने वाले पशुओं के स्वस्थ्य के लिए उन्हें हाथी घास खिलाई जाती है. इससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और वह दूध का उत्पादन भी अच्छा करते हैं. हालांकि, गर्मियों में घास उगाना भी एक कठिन और महंगा काम होता है. हाथी घास की खेती के लिए पौधों को हर चार से पांच दिन में पानी देना पड़ता है. ऐसे में हरे घास की खेती किसानों के लिए काफी महंगा सौदा हो जाता है. लेकिन अब किसानों को घास की खेती के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार किसानों को नेपियर घास की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है.
हाथी घास का महत्व
हाथी घास को नेपियर खास भी कहते हैं. यह दिखने में बिल्कुल ही गन्ने के आकार की होती है. आप पूरे वर्ष हाथी घास उगा सकते हैं. इस घास में कई पोषक तत्व होते हैं. हाथी घास पशुओं के लिए गुणकारी होती हैं. यदि आप गर्मियों में गाय या बकरियों को हाथी घास खिलाते हैं, तो इससे उनका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है और शरीर भी ठंडा रहता है. हाथी घास की खासियत यह है कि इसे आप किसी भी मौसम में आराम से उगा सकते हैं.
खेती के लिए अनुदान
राजस्थान सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है. अगर किसान वर्तमान में हाथी घास की खेती कर रहे हैं, तो राजस्थान सरकार उन्हें प्रति हेक्टेयर की दर से 10,000 रुपये तक की सब्सिडी देती है. इस योजना का लाभ राजस्थान राज्य के किसान सिर्फ उठा सकते हैं. इसके लिए आप अपने नजदीकी कॉमस सर्विस सेंटर में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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कृषि अधिकारी भौतिक रूप से जाँच करेंगे
जानकारी के मुताबिक खेतों की भौतिक निरीक्षण के बाद ही किसानों को सब्सिडी दी जाएगी. हर जिले के कृषि पदाधिकारी खेतों में जाकर भौतिक निरीक्षण करेंगे और फिर सब्सिडी के लिए आवेदन स्वीकार किया जाएगा और सब्सिडी की रकम सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. इसके लिए किसानों को राज किसान साथी पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा.
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