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Cardamom Cultivation: इलायची की खेती से किसान कमा सकते हैं भारी मुनाफा, बस अपनाएं ये टिप्स

Cardamom Cultivation: किसान जैविक विधि के माध्यम से इलायची की खेती करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं. इलायची की खेती भारत के ज्यादातर राज्यों में की जाती है. इस मसाले का उपयोग व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. सुपारी व नारियल के पेड़ों के बीच में इलायची की खेती से पैदावार अच्छी मिलती है.

लोकेश निरवाल
Cardamom farming
Cardamom farming

जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में कई तरह के बेहतरीन मसालों की खेती (Cultivation of Spices) की जाती हैं, जिनकी देश के अलावा विदेशी बाजारों में भी भारी मांग है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे किसानों के द्वारा कुछ ऐसे भी मसालों उगाए जाते हैं, जो बेस्वाद खानों को भी स्वादिष्ट बना देते हैं. इन्हीं मसालों में इलायची (Cardamom) का नाम भी शामिल है. इसे खाने में इस्तेमाल करने से खाना खुशबूदार बन जाता है. वहीं इसकी खेती से भी किसानों की आमदनी में वृद्धि होती है.

जानकारी के लिए बता दें कि भारत के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. लेकिन मुख्य रूप से महाराष्ट्र, कोंकण, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के किसानों के द्वारा सबसे अधिक इलायची की खेती की जाती है. तो आइए इस लेख में जानते हैं कि जैविक विधि (Organic farming) से इलायची की खेती कैसे करें?

इलायची की खेती (Cardamom Cultivation)

इलायची (Cardamom) के पौधे को अच्छे से विकसित होने के लिए नारियल व सुपारी के बागों में उगाया जाता है. इसका मुख्य कारण यह भी है कि इलायची की फसल में सूरज की रोशनी सीधे तौर पर पड़ने पर फसल ख़राब हो जाती है. वहीं इलायची की खेती करने के दौरान वहां के मानसून में नमी और आर्द्रता के बीच बाग को तैयार करें.

जैविक विधि से करें इलायची की खेती

किसानों के द्वारा खेत में जैविक विधि (Cardamom Farming Organic Method) को अपनाएं जाने से पैदावार में डबल बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इसलिए अब किसान हर एक फसल में जैविक खेती को अपना रहे हैं. इलायची की खेती में भी किसानों के द्वारा जैविक विधि को अपनाया जा रहा है. इस खेती के लिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. जैसे कि-

  • इलायची की खेती (Cardamom Cultivation) के लिए न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए.
  • इसके अलावा खेत में करीब 3x3 मीटर के अंतराल पर सुपारी व नारियल के पेड़ लगाएं.
  • ध्यान रहे कि प्रति दो पेड़ के बीच में इलायची का एक पौधा होना चाहिए.
  • इलायची की खेती के लिए पानी का विशेष तौर पर ध्यान रखें. क्योंकि इसकी खेती के लिए पानी की अधिक आवश्यकता होती है. लेकिन पानी की मात्रा सिर्फ मिट्टी की नमी तक ही सीमित होनी चाहिए.
  • हर चार दिन के बाद सिंचाई करें.

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कटाई का समय

जब इलायची की फसल पूरी तरह से पककर तैयार हो जाए यानी की फसल का रंग हरा और पीला हो जाए, तो ऐसे में आपको इलायची के डंठल सहित कटाई करनी है.

English Summary: how to cultivate Cardamom farming organic method of Cardamom cultivation in India spices farming Published on: 23 September 2023, 06:31 PM IST

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