हम किसानों की आय को दोगुना करने की बात करते हैं और इसी के साथ सरकार भी यही लक्ष्य लेकर चल रही है कि किसानों की आय को बढ़ाना है लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक किसानों को सही और अच्छे कृषि उत्पाद नहीं मिलेंगे. अब यदि हम अच्छे कृषि उत्पादों की बात करें तो इसमें खाद, पानी, उर्वरक और कृषि रसायन आदि आते हैं.
लेकिन आज के समय में बाजार में इन सबके नकली उत्पाद इतनी तेजी से फ़ैल रहे हैं कि उनको रोक पाना मुश्किल हो रहा है. कृषि रसायनों का इतनी अहमियत है कि इससे देश की बढ़ती जनसँख्या का पेट भरने में काफी मदद मिल रही है. नकली कृषि रसायनों का बाजार इतना बढ़ चुका है कि इंडस्ट्री को इससे परेशानी हो रही है. इसी को रोकने के लिए राजधानी में एक सम्मलेन का आयोजन किया गया. इसका मकसद गुणवत्तायुक्त फसल सुरक्षा उत्पादों के जरिये किसानों के लिए अवसर और चुनौतियों को खोजना रखा गया. इस आयोजन की शुरुआत धानुका एग्रीटेक के ग्रुप चेयरमैन आर.जी.अग्रवाल ने अपने सम्बोधन के साथ की. सबसे पहले उन्होंने भारत और चीन की कृषि जीडीपी की तुलना करके कहा कि चीन की कृषि जीडीपी भारत से 3 गुना अधिक है. इसका एकमात्र कारण है कि वहां किसानों को कृषि कि नयी तकनीकों के साथ जोड़ा गया है और उन किसानों को तकनीकों के प्रति जागरूक किया जाता है.
इसके बाद उन्होंने नकली कृषि रसायनों के ऊपर प्रहार करते हुए कहा कि देश में नकली कृषि रसायनों का कारोबार हो रहा है जिसमें सरकार को कड़े कदम उठाने कि आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 400 से अधिक उत्पाद इकट्ठे किए. यह उत्पाद मध्य प्रदेश, आंध्रप्रदेश और पश्चिमी बंगाल जैसे राज्यों से पकडे गए हैं. आर.जी.अग्रवाल ने कहा कि इसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे. इसके लिए पूरी इंडस्ट्री को एक साथ आना होगा. उनके बाद डॉ.सीडी.मायी ने अपने संवाद में कहा कि नकली कृषि रसायनों को किसानों को कम दाम पर बेचा जाता है. इसलिए जो अच्छे कृषि रसायन हैं वो किसानों तक नहीं पहुँच पाते है. उन्होंने कहा कि देश में लगभग 3200 करोड़ का नकली कृषि रसायनो का कारोबार हो रहा है. उन्होंने नकली कृषि रसायनों की पहचान करने के लिए कईं तथ्य बताये. उसके बाद कृषि सचिव डॉ.अशोक डलवई ने सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला. इसी के साथ उन्होंने कृषि रसायन क्षेत्र कि परेशानियों से सम्बंधित समस्याओं को हाईलाइट किया. डॉ.अशोक डलवई ने किसानों को जागरूक करने के लिए इस बात पर जोर दिया कि किसानों को जागरूक करना आवश्यक है. इसी के साथ वितरकों को भी प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है.
एग्रोकेम फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रेजिडेंट एन.के अग्रवाल ने कहा कि नकली कृषि रसायनों को मार्किट में लाने से रोकने के लिए सरकार और प्राइवेट क्षेत्र को मिलकर एक टास्कफोर्स को तैयार करके जिलास्तर पर इसकी छापेमारी करनी चाहिए ताकि किसानों तक उत्पाद पहुंचा जा सके. इस सम्मेलन में कहा गया कि इससे कृषि रसायन क्षेत्र को इससे बड़ा नुकसान हो रहा है और भविष्य में यह एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रही है. इसी के साथ किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए पीपीपी मॉडल को लागू करने कि भी आवश्यकता है तभी इस समस्या से निपटा जा सकेगा. कार्यक्रम में कहा गया कि यदि किसानों कि आय को बढ़ाना है तो किसानों तक सही कृषि उत्पाद पहुंचाना बहुत ही आवश्यक है. जिसके लिए इस समस्या को समाप्त करना होगा और इसके लिए पूरी कृषि रसायन इंडस्ट्री को एक साथ आकर सरकार के सामने अपनी परेशानियों को रखना होगा. इसके बाद कार्यक्रम में टेक्नीकल सेशन का आयोजन किया गया जिसमें किसानों से भी बात कि गयी. कृषि आयुक्त डॉ. एस.के.मल्होत्रा ने भी आये हुए कृषि जगत के लोगो को सम्बोधित किया. उन्होंने क्वालिटी क्रॉप प्रोटेक्शन के ऊपर चर्चा की. इस कार्यक्रम में धानुका एग्रीटेक, ऍफ़एमसी , क्रिस्टल क्रॉप प्रोटेक्शन, क्रॉपलाइफ इंडिया, एसीऍफ़आयी, कोरटेवा के साथ-साथ और भी कई अन्य कंपनियों ने सहभागिता की.
400 से अधिक नकली कृषि रसायनों की लगायी गयी प्रदर्शनी
नकली कृषि रसायनों के इस्तेमाल से किसानों को काफी नुक्सान उठाना पड़ता है. एक ओर हम किसानों कि आय बढ़ाने कि बात कर रहे हैं वही दूसरी ओर किसानों और कृषि रसायन इंडस्ट्री को नकली उत्पादों कि समस्या से जूझना पड़ रहा है. कृषि रसायन इंडस्ट्री कि मदद से फिक्की द्वारा आयोजित एक सेमीनार में लगभग 400 से अधिक नकली कृषि रसायनों की एक प्रदर्शनी लगायी गयी. यह सभी नकली उत्पाद धानुका एग्रीटेक और उनकी टीम के द्वारा इकठ्ठा किए गए. यह नकली उत्पाद मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों से पकडे गए. इन उत्पादों में कालिया, बूस्ट और लारविनोक्स जैसे नकली उत्पाद थे. इन नकली उत्पादों को देखकर कृषि रसायन इंडस्ट्री से जुड़े लोग स्तब्ध रह गए. इस मौके पर धानुका के ग्रुप चेयरमैन आर.जी.अग्रवाल ने कहा कि इनको रोकना बहुत ही आवश्यक है और यह आवश्यक इसलिए है क्योंकि हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि नकली उत्पादों के निर्माण को जल्द से जल्द रोका जाए. उन्होंने कहा कि हम सरकार के सामने यह मूद्दा रखेंगे ताकि किसानों के साथ ठगी न हो सके.
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