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हाइब्रिड फूलगोभी ‘ख़ुशी’ का कमाल, किसान हो रहे मालामाल

फूलगोभी आम तौर पर सबसे सुलभ उपलब्ध होने वाली सब्जी है. जिसका प्रयोग न केवल सब्जी बनाने बल्कि अलग -अलग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है. यह सब्जी भले ही आम हो, लेकिन इसके फायदे बहुत ही खास होते है. फूल गोभी में कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और लौह तत्व के अलावा विटामिन ए, बी, सी, आयोडीन, तांबा और पोटासियम प्रचुर मात्रा में भी मौजूद होता है. इसका उपयोग न केवल सब्जी बनाने के लिए होता है. बल्कि इससे मंचूररयन, सूप, अचार, परांठे भी बनाए जाते है.

मनीशा शर्मा
Cauliflower
Cauliflower Farming

फूलगोभी आम तौर पर सबसे सुलभ उपलब्ध होने वाली सब्जी है. जिसका प्रयोग न केवल सब्जी बनाने बल्कि अलग -अलग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए भी किया जाता है. यह सब्जी भले ही आम हो, लेकिन इसके फायदे बहुत ही खास होते है. 

फूल गोभी में कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और लौह तत्व के अलावा विटामिन ए, बी, सी, आयोडीन, तांबा और पोटासियम प्रचुर मात्रा में भी मौजूद  होता है.  इसका उपयोग न केवल सब्जी बनाने  के लिए होता है. बल्कि इससे मंचूररयन, सूप, अचार, परांठे भी बनाए जाते है.

भारतीय व्यंजन के अलावा इसका उपयोग चाइनीस, कॉन्टिनेंटल डिशेस बनाने में भी किया जाता है. यही कारण है कि यह सब्जी पूरे साल उगाई जाती है. इसके लिए फूलगोभी के हाइब्रिड सीड् की मांग बहुत ज्यादा है. क्योंकि इस फसल पर मौसम का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है और साथ ही इस पर कीट, फफूंदी और गलन रोग से पूरी फसल नष्ट होने की संभावना रहती है.

इन सब बातों को ध्यान में रख कर सोमानी सीड्स ने अपने कई वर्षों के अनुभव, शोध और मेहनत के आधार पर उत्तर भारत के किसान भाइयों के लिए तीन महीने से ज्यादा लंबी सोइंग विंडो वाली हाइब्रिड सीड को बाजार में उतारा है. जिसका नाम उन्होंने ‘ख़ुशी रखा है.

यह बीज न केवल लंबी सोइंग विंडो के लिए मशहूर है, बल्कि इसके रंग, रूप, वजन और लंबे परिवहन क्षमता के कारण भी किसान भाइयों की पहली पसंद बनती जा रही है.

किसान बूटा सिंह जी (Kisan Buta Singh Ji)

चलिए आज हम आपको मिलवाते हैं. ऐसे ही एक खुशहाल किसान बूटा सिंह  जी से जो पंजाब  के जालंधर के गोपीपुर गांव के रहने वाले है. वे इस वर्ष हाइब्रिड फूलगोभी ‘ख़ुशी’  लगा कर खुश है. उनके अनुसार फूलगोभी ‘ख़ुशी’ लगाने से लगभग 35- 40 हज़ार प्रति बीघा लाभ होता है. अगर इनकी माने तो एक बीघा ज़मीन के लिए 2 पैकेट 10 ग्राम के पाउच से लगभग 80-85 प्रतिशत जर्मिनेशन के हिसाब से 4 हज़ार 400 सौ से 4 हज़ार 7 सौ पौधा मिल जाता है. जिसको 6 इंच X 9 इंच की दुरी पर लगाया जाता है.

किसान बूटा सिंह  जी के मुताबिक, लगभग 68 दिनों के बाद उनको फसल काटने लायक मिल गई थी जिसे इन्होने 4 से 5 बार दो -दो  दिनों के अंतराल में काट कर बाजार में बेचा. परंपरागत तरीके से इन्हें पनियों में एक के ऊपर एक रखकर लगभग 28 से 30 फूल को जमा कर पैक किया . जिसका वजन 30 से 32 किलोग्राम आया।  इस तरह एक बार में लगभग 28 पन्नी  से 30 पन्नी को 210 रूपए प्रति पन्नी बेच कर 63 सौ रुपए कमाए तथा पांचवी बार 147 पन्नी बेचने के बाद उनके हिस्से 30,870 रूपए आए. इस प्रकार इस साल फूलगोभी ‘ख़ुशी’ की फसल लगा कर 30,870 रुपये की कमाई हुई.

जिसमे यदि बीज की कीमत, नर्सरी प्रबंधन, आदानों पर खर्च, ट्रांस्प्लांटेशन का खर्चा तथा समय -समय पर सिंचाई,रोग प्रबंधन, कीटनाशी, फफूंदीनाशी, कटाई, छंटाई, पैकिंग और बाजार तक ढुलाई पर लगभग 8-10 हज़ार का खर्च आता है इस तरह यदि हम इन ख़चों को कुल कमाई से घटा दिया जाए तो लगभग 20,870 रूपए की बचत हुई. इस किसान भाई ने ‘ख़ुशी’ को अपना कर खुश रहने का बहाना तो खोज लिया है. अब आपकी बारी है सोमानी सीड आजमाने की...

English Summary: success story of farmer Published on: 08 March 2019, 06:07 PM IST

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