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धान की खरीद ने पकड़ी रफ्तार, क्या 28 फरवरी तक पूरा होगा 70 लाख़ टन का टारगेट?

अब उत्तर प्रदेश में धान की खरीद (Paddy Procurement) ने रफ्तार पकड़ी है. बता दें कि यहां 13 जनवरी तक लगभग 50 लाख मिट्रिक टन धान खरीद लिया गया है. वहीँ इससे पहले ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि कई राज्यों में धान की खरीदी को लेकर कई मामले सामने आए थे. मंडी पर से किसानों को वापस जाना पड़ रहा था. उनके धान को गिला और काला बता कर वापस लौटाया जा रहा था. ऐसे में धान की खरीदी में जो रफ़्तार देखने को मिला है वो काबिले तारीफ़ है.

प्राची वत्स
धान की खरीद ने पकरी रफ़्तार
धान की खरीद ने पकड़ी रफ़्तार

अब उत्तर प्रदेश में धान की खरीद (Paddy Procurement) ने रफ्तार पकड़ी है. बता दें कि यहां 13 जनवरी तक लगभग 50 लाख मिट्रिक टन धान खरीद लिया गया है. वहीँ इससे पहले ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि कई राज्यों में धान की खरीदी को लेकर कई मामले सामने आए थे.

मंडी पर से किसानों को वापस जाना पड़ रहा था. उनके धान को गिला और काला बता कर वापस लौटाया जा रहा था. ऐसे में धान की खरीदी में जो रफ़्तार देखने को मिला है वो काबिले तारीफ़ है.

सूबे में इस साल सरकार ने 70 लाख मिट्रिक टन खरीद का टारगेट रखा है. वहीँ धान की बिक्री को लेकर किसान 28 फरवरी तक धान बेच सकते हैं.नवंबर और दिसंबर में यहां पर खरीद काफी सुस्त गति से चल रही थी, क्योंकि यहां पर हरियाणा और पंजाब के मुकाबले देरी से रोपाई हुई थी.तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के मुताबिक सीजन 2021-22 में सामान्य श्रेणी का धान 1940 जबकि ग्रेड-ए वाले को 1960 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदा जा रहा है. कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) अपने लक्ष्य को आसानी से पूरा कर लेगी क्योंकि अभी खरीद प्रक्रिया बंद होने में काफी वक्त है. हालांकि आने वाले दिनों में क्या होगा ये वक़्त ही तय करेगा.

सीजन 2020-21 में उत्तर प्रदेश में 66.84 लाख मिट्रिक टन धान एमएसपी (MSP) पर खरीदा गया था. जबकि 2021-22 में अब तक 49.77 लाख टन खरीदा जा चुका है. यहां धान की खरीद एक अक्‍टूबर से शुरू हुई थी.

भारतीय खाद्य निगम (FCI) के रिकॉर्ड के अनुसार यहां 2017-18 में 42.90 लाख मिट्रिक, 2019-20 में 56.57 लाख टन एवं 2018-19 में 48.25 लाख टन धान की खरीद हुई थी. इस बार पिछला रिकॉर्ड टूट सकता है.

धान की खरीद में अब क्यों आई तेज़ी?

उत्तर प्रदेश के अनुभवी लोगों का कहना है कि पहले 50 क्विंटल से ज्यादा धान सिर्फ शुक्रवार और शनिवार को ही खरीदा जा सकता था. लेकिन बाद में सरकार ने ढील देते हुए 50 क्विंटल से ज्यादा धान सप्ताह में किसी भी दिन बेचने की अनुमति दे दी. इससे बड़े किसानों का काम आसान हुआ और खरीद में तेजी दिखाई दे रही है. यूपी के कई हिस्सों में देरी से धान रोपाई हुई थी इसलिए नवंबर और दिसंबर में बहुत कम खरीद हुई थी.

ये भी पढ़ें: राज्य सरकार ने खोला अपना खजाना, अब हर दिन 50 क्विंटल से अधिक होगी धान की खरीद

क्या किसानों को मिलेगा फायदा?

उत्तर प्रदेश में 13 जनवरी तक 703171 किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान बेचा है. जबकि खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2020-21 में कुल 10,22,286 किसान इससे लाभान्वित हुए थे. साल 2019-20 में कुल 706549 एवं 2018-19 में सिर्फ 684013 किसानों ने ही यूपी में एमएसपी पर धान बेचा था. इस साल यानी 2022 में भी 10 लाख से अधिक लाभार्थी होने का अनुमान लगाया गया है.

कुल कितना धान खरीदा गया ?

एफसीआई के अनुसार 13 जनवरी तक पूरे देश में 560.93 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. इसमें 186.86 लाख मिट्रिक टन के साथ पंजाब पहले नंबर पर है. तेलंगाना 70.17 लाख टन के साथ दूसरे स्थान पर है. छत्तीसगढ़ में 68.66 लाख टन, हरियाणा में 55.31 एवं मध्य प्रदेश में 37.37 लाख मिट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है.

English Summary: The increasing pace regarding the purchase of paddy Published on: 17 January 2022, 05:54 PM IST

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