कपास एक नकदी फसल है, इससे रुई तैयार की जाती हैं, जिसे "सफेद सोना" कहा जाता है. इसकी ज़रूरत दिन प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है. देश हो या विदेश सब को इसकी आवश्यकता है.
कपास उत्पादन के लिए भारत में लगभग 9.4 मिलियन हेक्टेयर की भूमि पर कपास की खेती की जाती है. इसके प्रत्येक हेक्टेयर क्षेत्र में 2 मिलियन टन कपास के डंठल अपशिष्ट के रूप में विद्यमान रहते हैं. भारत बड़े पैमाने पर रुई के उत्पादन को बढ़ा रहा है.
देश के उत्तर क्षेत्रीय प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों की मंडियों में 31 मार्च तक व्हाइट गोल्ड की लगभग 52 लाख 78 हजार गांठें पहुंची हैं, जबकि पंजाब में 9.12 लाख गांठ, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ क्षेत्र में 9.87 लाख गांठ व लोअर राजस्थान में 11.82 लाख गांठ आई हैं, और हरियाणा में सबसे ज़्यादा 21.96 लाख गांठ व्हाइट गोल्ड पहुंची हैं.
बाजार जानकारों के अनुसार उपरोक्त राज्यों की मंडियों में अरबों रुपए का लगभग 6.25 लाख गांठों का अनसोल्ड स्टाक है जिसमें पंजाब 37000 (कपास जिनर), 43000 गांठ (निर्यातक) व 5000 गांठ (भारतीय कपास निगम), हरियाणा 42000 (कपास जिनर), 40000 गांठ (निर्यातक) व 11000 गांठ (भारतीय कपास निगम), श्रीगंगानगर लाइन 97000 गांठ (कपास जिनर), 2.40 लाख गांठ (निर्यातक) व 16000 गांठ (भारतीय कपास निगम) तथा लोअर राजस्थान 57000 गांठ, निर्यातक 24000 गांठ व भारतीय कपास निगम के पास 45000 गांठों का अनसोल्ड स्टाक माना जा रहा है.
दुनिया के सबसे बड़े 5 देशों में उत्पादन के कयास इस प्रकार लगाए गए हैं भारत 3.65 करोड़ गांठ, चीन 3.53 करोड़ गांठ, अमरीका 2.73 करोड़ गांठ, पाकिस्तान 1 करोड़ 5 लाख गांठ तथा ब्राजील 1 करोड़ 3 लाख गांठ व्हाइट गोल्ड उत्पादन होने का अनुमान है.
कपास सत्र के दौरान भारत में 3.62 करोड़ गांठ व्हाइट गोल्ड उत्पादन का अनुमान है कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय प्रधान अतुल गंतरा के अनुसार चालू कपास सत्र 2017 और 2018 के दौरान भारत का रूई आयात काफी कम हो जायगा पिछले साल भारत में विभिन्न देशों से 27 लाख गांठ व्हाइट गोल्ड आयात हुआ था जबकि इस साल 20 लाख गांठ रहने की उम्मीद है उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा रुई उत्पादन देश हैं.
प्रियंका वर्मा
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