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Rain Alert: किसानों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी, जरूर बरतें ये सावधानी

मौसम विज्ञान केंद्र ने उत्तराखंड राज्य के लिए भारी बारिश की चेतावनी जताई है तथा किसानों के लिए कुछ जरूरी सलाह दी है, पढ़ें पूरी खबर...

निशा थापा
advisory for uttarakhand farmers
advisory for uttarakhand farmers

भारतीय मौसम विभाग की तरफ से जारी एडवाइजरी के अनुसार राज्य में अगले 2-3 दिनों में कई स्थानों पर तीव्र बौछार / गरज के साथ बारिश होने की संभावना जताई है. वहीं उत्तराखंड के नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जाहिर की है. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के जिलों और आसपास के जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा के साथ कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है और उत्तराखंड के शेष जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है. देखा जाए, तो पूरे राज्य में भारी बारिश के आसार हैं.

उत्तराखंड के किसानों के लिए जरूरी सलाह

विभाग मे खरीफ फसलों के लिए सलाह दी है कि खड़े पौधों में बारिश का पानी जमा न होने दें. परिपक्व फलों की कटाई करें. वर्षा ऋतु के पौधे अवश्य लगाएं. मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए कीटनाशक/कवकनाशी का छिड़काव करना चाहिए. यदि छिड़काव आवश्यक हो तो कीटनाशकों के साथ चिपकने वाले पदार्थ का प्रयोग करें. निराई और गैप फिलिंग की जानी चाहिए.

चावल - फसल के लिए बांधों को मजबूत रखें, रोपाई के 2 से 3 सप्ताह बाद हाथ से निराई करनी चाहिए.

अदरक - सड़े हुए मल्च निकालें तथा फसल के खेत में बारिश का पानी जमा न होने दें.

फूलगोभी - आने वाले दिनों में बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए, उस खेत में उचित जल निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए जहां फूलगोभी की शुरुआती किस्म की रोपाई की गई हो.

मक्का - मक्का की बुवाई के 15 और 30 दिनों के बाद जून के महीने में बोई गई मक्का में निराई-गुड़ाई की जानी चाहिए. जब फसल लगभग 2 फीट की ऊंचाई पर पहुंच जाती है और नाइट्रोजन की टॉप ड्रेसिंग दी जानी चाहिए और खेत में उचित जल निकासी बनाए रखी जानी चाहिए. मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए मक्के की फसल की बुवाई मेढ़ों पर पूरी कर लेनी चाहिए.

टमाटर - पहाड़ी क्षेत्रों, टमाटर, बैंगन और शिमला मिर्च की फसल में, मानसून में खेत में उचित जल निकासी बनाए रखनी चाहिए और फलों की तुड़ाई समय पर करनी चाहिए.

भिन्डी - जिन किसानों ने आज तक भिंडी की फसल नहीं बोई है, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द बुवाई करें और पिछले महीने बोई गई भिंडी की फसल में निराई, गुड़ाई और जल निकासी की आवश्यक व्यवस्था करें. बरसात के मौसम के लिए अनुशंसित भिंडी किस्म का चयन करें और जो भिंडी में पीली नस मोज़ेक रोग के लिए प्रतिरोधी हैं.

यह भी पढ़ें : फसलों को लेकर अलर्ट जारी, इन जिलों के किसान हो जाएं सावधान

फलों का ऐसे रखें ध्यान

सेब -ऊपर से काम करने वाले पेड़ों / ग्राफ्टेड सामग्री को खोल लें. घिसे-पिटे मल्चिंग को बदलें. फलों को पक्षियों से बचाने के लिए जाल का प्रयोग करें.

अनार -कीड़ों से बचाव के लिए फलों को मलमल के कपड़े से ढक दें. साफ मौसम के दौरान फल छेदक के खिलाफ अनुशंसित कीटनाशक का छिड़काव करें.

English Summary: Important advice for farmers regarding heavy rains in Uttarakhand Published on: 18 July 2022, 06:15 PM IST

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